हल्की सी बूंदाबांदी के बाद मौसम ने बदला करवट बढ़ने लगी सर्दी
हल्की सी बूंदाबांदी के बाद मौसम ने बदला करवट बढ़ने लगी सर्दी
पूरे नवंबर माह से लेकर 3 दिसंबर तक सर्दी का कोई खास एहसास नहीं हुआ , आज से एकाएक ठिठुरन बढ़ने के दिखाई देने लगे आसार
फर्रुखाबाद । वैसे तो मौसम का बदलाव एक सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया है । इस बार पूरा नवंबर माह बीत जाने के बाद भी सर्दी ने कोई खास असर नहीं दिखाया । किंतु कल 3 दिसंबर की रात से अचानक आकाश में घिरे बादल गरज चमक के साथ कहीं बूंदाबांदी तो कहीं सामान्य या छुटपुट वर्षा के साथ चली हल्की हवाओं के कारण मौसम ने एकदम करवट बदला। जिसके कारण बीते मौसम की अपेक्षा आज सर्दी का प्रभाव कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रहा है । तकरीबन 24 घंटे बीत चुके हैं । आकाश में बादल ज्यों के त्यौं छाये हुए हैं । साथ ही रह – रह कर आसमान से बूँदे जमीन पर लगातार गिर रही है । जो आज से आगे आने वाले दिनों में और अधिक सर्दी पड़ने के स्पष्ट संकेत दे रही हैं । वैसे तो मौसम विज्ञान के अनुसार भी जो सूचना प्राप्त हो रही है ,उससे भी पता चलता है कि आज 4 दिसंबर से सर्दी धीरे-धीरे अपने प्रचंड वेग की ओर बढ़ती जाएगी । कहने का मतलब की माह दिसंबर और जनवरी दोनों महीने कड़ाके की सर्दी में ही गुजारने पड़ेंगे । खैर जो भी हो प्राकृतिक परिवर्तन के अनुरूप तो हमेशा से मनुष्य अपने को ढालता आया है और ऐसा ही इस बार भी होगा । सर्दी से होने वाली परेशानी का बचाव जो कुछ आराम दे सकता है । वह भी व्यक्ति अवश्य करेगा । जो संपन्न लोग हैं बे हीटर व एसी रूम आदि आधुनिक सुविधाओं का लाभ लेंगे। तो वहीं साधन हीन तथा आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी लकड़ी कोयला आदि की व्यवस्था कर अलाव जलाकर सर्दी से राहत पाने के लिए अपना जुगाड़ करेंगेl आज अचानक बदले मौसम से खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में कुछ परेशानियां पैदा हुई हैं । क्योंकि ग्रामीण जीवन में हर किसी के पास ना तो उचित साधन होते हैं। और ना ही पहनने के लिए मौसम के अनुकूल कपड़े , इसलिए उन्हें कुछ ज्यादा ही दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हैl गांव में लोग आज जगह-जगह अलाव जलाकर सर्दी से बचाव के लिए तापते हुए नजर आए । वही अपने पालतू पशुओं को खुले आसमान से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर भी रखते हुए दिखाई दे रहे हैं । अंदर झोपड़ी टिन सेट या फिर मकान के बरामदे में पशुओं को बांधकर वही चारा दाना खिलाते रहे हैं । इस हल्की सी बूंदाबांदी के कारण खेतों में खड़ी फसलों को अब तक तो कोई नुकसान होता दिखाई नहीं दिया । हां यदि अधिक वर्षा हुई तो सब्जी आलू तंबाकू तथा तिलहनी फसलों को नुकसान होने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता । बढ़ी सर्दी के कारण बदलते मौसमी मिजाज से आज ग्रामीण अंचल के लिंक रोडों आम रास्तों आदि पर अन्य दिनों की अपेक्षा आवागमन भी कम दिखाई दे रहा है । बताया जा रहा है कि उत्तर भारत के बहुत बड़े भू -भाग पर हल्की से मध्यम या सामान्य वर्षा हो चुकी है , अथवा हो रही है , बादल छाए हैं । यह सब कुछ , मौसम परिवर्तन के साथ ही आगे आने वाले दिनों में हाड़ कपाऊ सर्दी से रूबरू होने का संकेत दे रहे हैं l