फर्रुखाबाद की सरकारी एम्बुलेंस में मरीजों को धक्का लगाना पड़ता है.?
कायमगंज, कंपिल,शमसाबाद की खस्ताहाल है एंबुलेंस मरीजों के तीमारदारों को लगाना पड़ता है धक्का
कायमगंज/फर्रुखाबाद । खराब एंबुलेंस में मरीजों के तीमारदारों को धक्का लगाना पड़ता है। कायमगंज, कंपिल शमसाबाद की एंबुलेंस खस्ताहाल है। किसी के टायर व बैटरी खराब तो किसी का सेल्फ व बांडी तक खराब है। कायमगंज सीएचसी के अंतर्गत लगी एंबुलेंस की हालत बेहद खस्ताहाल है। फोटो वायरल होने पर फर्रुखाबाद की तारीफ में चार चांद लग जायेंगे।
इस समय कायमगंज में 102 की एंबुलेंस 2 है। इसके अलावा 108 की 2 व कंपिल में एक एक, शमसाबाद में भी दो दो एंबुलेंस है। यदि एंबुलेंस की दशा देखी जाए तो हाल बेहाल है। कहा जा सकता है की स्वास्थ सेवाए का जिम्मा संभालने वाली यह एंबुलेंस अंतिम सांसे ले रही है। किसी की बैटरी खराब है तो किसी का सेल्फ तो किसी के पहिए तक खराब है। खटारा हो चुकी एम्बुलेंस दिन पूरे कर रही है जिन्हें तेल मालिस करके चलाया जा रहा है।
इसके अलावा एंबुलेंस की बांडी बुरी तरह खस्ताहाल है। उसके अंदर रखे जाने वाले स्वास्थ संबंधी उपकरण भी नहीं है। शुक्रवार को एक खस्ताहाल एंबुलेंस का हाल यह हुआ कि 102 एंबुलेंस संख्या 1618 को मरीज लाने की सूचना मिली। उसे स्टार्ट किया गया तो वह स्टार्ट ही नहीं हुई। चालक ने काफी देर मशक्कत की।
मरीजो को ये दिन भी देखने को मिलेंगे कभी सोचा भी नहीं होगा कि हमारे धक्के के बगैर एम्बुलेंस चलेगी नहीं धक्का लगाने के बाद उसने सीएचसी के बाहर खड़े मरीजों के तीमारदारों से से गुजारिश कर एंबुलेंस में धक्का लगवाया। तब जाकर मशक्क्त के बाद एंबुलेंस को स्टार्ट किया जा सका। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एंबुलेंस का हाल क्या है।
जब तक धक्का लगाकर एंबुलेंस को स्टार्ट नहीं किया जा रहा था। तब तक वह स्टार्ट नहीं होती है। इसको लेकर तीमारदार के अलावा राहगीरों का कहना अब स्वास्थ विभाग को एंबुलेंस को सही कराना चाहिए। ये काफी पुरानी हो चुकी है। रास्ते में ही दगा दे जाती है। इस संबंध में अधीक्षक शोभित कुमार ने बताया कि इस संबंध में जानकारी नहीं है। एंबुलेंस से संबंधित व्यवस्था जिला मुख्यालय से कनेक्ट है।