नवरात्रि पर्व ( अश्विन ) षष्ठ दिवस -
नवरात्रि पर्व ( अश्विन ) षष्ठ दिवस -
हर आदमी काम करने में स्वतंत्र हैं ।
वह व्यक्ति स्वतंत्रता को अधिक सार्थक बना सकता है जो भुवाल माता को ध्यान भावों से लगता है ।
जैसे जिसका कोई उतर न हो वह है अनुत्तर ,उसी तरह भुवाल माता के प्रति श्रद्धा का कोई उतर नहीं होता है ।
जिसकी श्रेष्ठता का कोई विकल्प न हो वह है अनुत्तर ,उसी तरह भुवाल माता की भक्ति का कोई विकल्प नहीं है । अनुत्तर की खोज का सही माध्यम माता को स्मरण करने से हो सकता है । प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )