नवरात्रि पर्व ( अश्विन ) चतुर्थ दिवस -

Oct 17, 2023 - 12:00
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नवरात्रि पर्व ( अश्विन ) चतुर्थ दिवस -
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नवरात्रि पर्व ( अश्विन ) चतुर्थ दिवस -

जिस तरह वस्त्र का मूल्य अधिक है तन्तु का नहीं उसी तरह माता को भावों से ध्याने का अधिक महत्व है अपेक्षा माता के नाम को बोलने से ।

 भुवाल माता का स्मरण आश्वासन , विश्वास , संबंध और सरसता की समष्टि आदि परिवारों में रखने में सहायक सिद्ध होता है । समय का चक्र निरन्तर व्यक्ति के साथ चलता है जो हर पल समय के साथ शुद्ध भावों से माता में रत रहकर समय की चोटी को पकड़ना जानता है ,

 उसकी सेवा में सदैव आगे बढ़ने का अवसर उपस्थित रहता है और आत्मा अपने चरम लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त करती है । प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )