उल्टी के छींटे पड़ने के मामले में व्रद्ध की हत्या का होगा दोबारा पोस्टमार्टम, SP ने किया पैनल गठित
मामला वृद्ध की मौत का : – पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर शक होते ही पुलिस ने पैनल गठित कर दोबारा कराया पोस्टमार्टम
कायमगंज /फर्रूखाबाद अभी पिछले दिन ही एक वृद्ध की मौत पर उसके बेटे ने अपने पड़ोसी रामफल व उसके परिवारीजनों को नामजद करते हुए तहरीर देकर उन पर वृद्ध पिता की हत्या का आरोप लगाया था ।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया था । जहां डॉक्टर ने शव का पोस्टमार्टम किया । जिसकी रिपोर्ट मिलते ही पुलिस को पोस्टमार्टम के तरीके पर शक होने लगा ।
प्राप्त विवरण के अनुसार: - क्षेत्र के गांव शिवरई बरियार मोहल्ला दुर्गा कालोनी निवासी राधेश्याम व रामफल के बीच बच्चे द्वारा उल्टी के छीटे पड़ने पर विवाद हो गया था। जिसमें राधेश्याम की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी। परिजनों ने ईट लगने से गम्भीर अंदरूनी चोट से मृत होने का आरोप लगाया था। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया था।
जहां मृतक के शरीर पर चार जगह जाहिरा चोट लगने से मृत्यु की पुष्टि की गई थी। इस पर मंडी चौकी प्रभारी कृष्ण कुमार कश्यप व कोतवाली प्रभारी जेपी पाल तथा सीओ सोहराब आलम ने पुलिस अधीक्षक विकास कुमार से वार्ता कर पुनः पोस्टमार्टम की अनुमति मांगी।
अनुमति मिलने पर – , शव अंतिम संस्कार के लिए शमसाबाद पहुंच चुका था। जहां से पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और पुनः शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। जहां दो चिकित्सक के पैनल,फॉरेंसिक टीम व वीडियोग्राफी की निगरानी में पोस्टमार्टम कराया गया। जिसमें एक भी जाहिरा चोट न होने की पुष्टि की गई। हालांकि मौत का कारण स्पष्ट न होने पर विसरा सुरक्षित किया गया।
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने कहा कि पुलिस ने न्यायिक प्रक्रिया में अपने विवेक व तकनीकी से पुनः पोस्टमार्टम कराया हैं। वहीं वादी का मकान दो मंजिला है जबकि आरोपी का मकान एक मंजिला है। इसलिए ईट-पत्थर से चोट लगने की सम्भावना कम ही है। मौके पर पहुंची पुलिस को कोई ईट पत्थर भी मौके पर नहीं मिला था।
यह पूछे जाने पर की पहले पोस्टमार्टम करने वाले जिस डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट किसी कारणवश गलत बना कर दी । उसके विरुद्ध क्या कोई कार्यवाही होगी । इस प्रश्न के उत्तर में पुलिसअधीक्षक ने बताया कि मामले पर विचार किया जा रहा है । जो भी आवश्यक विधिक कार्यवाही हो सकेगी , पहली बार पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सा के विरुद्ध अवश्य की जा सकती है l