जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने छात्रों से किया संवाद: "आत्मविश्वास और हिम्मत" से कतरे से दरिया बनने की प्रेरणा
जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने छात्रों से किया संवाद: "आत्मविश्वास और हिम्मत" से कतरे से दरिया बनने की प्रेरणा
मैनपुरी । आजय किशोर- आजादी के अमृत महोत्सव कि श्रंृखला में डॉ. किरन सौजिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित युवा उत्सव में जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने उपस्थित छात्रों से संवाद करते हुए जीवन, संभावनाओं और आत्मविश्वास पर आधारित अत्यंत प्रेरणादायक विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि युवावस्था जीवन का वह स्वर्णिमकाल है, जिसे जीते समय अक्सर उसकी महत्ता समझ नहीं आती, परंतु जब यह आयु बीत जाती है, तब एहसास होता है कि यह समय कितना आनंदमय, ऊर्जावान और वास्तव में ‘स्वर्गीय’ होता है। उन्होने युवाओं को यह अनुभव कराने पर जोर देते हुए कहा कि यह वही उम्र है जिसमें व्यक्ति कुछ भी कर सकता है, बस एक सकारात्मक इरादा, थोड़ी सी हिम्मत की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि आज मंच भले ही छोटा हो लेकिन ऐसे ही छोटे मंच आगे बड़े अवसरों का द्वार खोलते हैं। उन्होने अपने छात्र जीवन की एक प्रेरक घटना साझा करते हुये बताया कि जब वह कक्षा-04 में पढ़ते थे, तब वह काफी दुबले-पतले और संकोची स्वभाव के थे, पढ़ाई में तो अच्छे थे लेकिन खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों और मंचीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेने में संकोच होता था, एक दिन स्कूल में आयोजित ‘म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता’ में अचानक से हिस्सा लेने का निर्णय लिया, अपने संकोच और निरुत्साह को किनारे रख पहला, दूसरा, तीसरा और सभी दौर पार करते हुए अंतिम कुर्सी तक पहुंचने में सफलता अर्जित की, इस प्रतियोगिता ने मन में विश्वास जगाया कि अगर हिम्मत करके पहला कदम उठाया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि उस दिन हिचकिचाते तो शायद जीवन में कई क्षमताओं को कभी पहचान ही नहीं पाते, हर युवा में असीम क्षमता है। उन्होने कहा कि किसी भी युवा में क्षमता की कमी नहीं होती, यदि कमी है तो केवल आत्मविश्वास और हिम्मत की, समाज, अभिभावक या प्रतियोगिता का दबाव कई बार युवाओं को अपनी वास्तविक रुचियों व क्षमताओं को पहचानने नहीं देता, निराशा, हिचकिचाहट और आत्म-संदेह मन की वह ‘बेईमानियां’ हैं जो उभरने नहीं देतीं, इनसे मुक्त होकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
श्री सिंह ने सम्बोधन के दौरान सरदार भगत सिंह की चार पंक्तियाँ भी युवाओं को समर्पित कीं, जिनमें हिम्मत और आत्मबोध का गहरा संदेश निहित है, ’’कमाल-ए-बुजदिली है, अपनी ही आंखों में पस्त होना, अगर थोड़ी सी जुर्रत हो, तो क्या कुछ हो नहीं सकता’’, पंक्तियों के माध्यम से उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि डर, संकोच और निराशा को मन से निकालकर साहस के साथ कदम बढ़ाएं, क्योंकि हर युवा में ‘कतरे से दरिया बनने’ की क्षमता है। उन्होने कहा कि किसी प्रतियोगिता में पुरस्कार प्राप्त करना एक उपलब्धि है लेकिन इससे बड़ी उपलब्धि अपनी नजरों में ऊपर उठना होती है, आपकी असली स्पर्धा किसी और से नहीं बल्कि स्वयं से होनी चाहिए यदि आप आज से बेहतर कल प्रस्तुत करते हैं यही आपकी सच्ची जीत है, पुरस्कार और सम्मान सामाजिक मान्यता हैं परंतु व्यक्तिगत उत्थान ही वह शक्ति है जो जीवनभर सफलता दिलाता है। मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु ने युवाओं के सामने प्रस्तुत तकनीकी विकास, डिजिटल परिवर्तन, अवसरों और संभावित खतरों के मुद्दे को अत्यंत प्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि आज समय तेजी से बदल रहा है, नई तकनीकें युवाओं को असंख्य अवसर देती हैं परंतु इनके साथ आने वाले जोखिमों को समझकर ही आगे बढ़ना चाहिए। उन्होने अपने संबोधन में कहा कि युवावस्था अवसरों से भरी है, इसे पहचानिए, हिम्मत कर पहला कदम बढ़ाइए, संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे, निराशा, डर, संकोच और आत्म-संदेह से बचें, तकनीक एक साधन है, आपकी भावनाएँ, बुद्धि, सोच और रचनात्मकता उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण, अपनी प्रतिस्पर्धा अपने आप से कीजिए यही असली विकास है, लगातार बेहतर होते रहना ही सफलता का मार्ग है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि युवा अपनी ऊर्जा, रचनात्मकता और सकारात्मक सोच से न केवल अपनी व्यक्तिगत सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि देश के भविष्य को भी नई दिशा दे सकते हैं।
विद्यालय की छात्राओं ने गणेश वंदना, स्वागत गीत प्रस्तुत किये, युवा उत्सव के तहत विभिन्न विद्यालयो के छात्र-छात्राओं के मध्य डिक्लेमेशन, कहानी लेखन, पेटिंग, समूह लोकनृत्य, समूह लोकगीत, कविता लेखन, इनोवेशन साइंस मेला आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, इस दौरान उपायुक्त एन.आर.एल.एम. शौकत अली, जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश कुमार, जिला युवा कल्याण अधिकारी विकास यादव, राजकीय इं.कॉ. बेवर की प्रधानाध्यापिका सुलक्षणा शर्मा, डा. किरन सौजिया सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के प्रबन्ध निदेशक डा. अशोक कुमार यादव, डा. किरन सौजिया आदि उपस्थित रहे।