Bihar election : चिराग को क्यों मिली 29 सीटें, मांझी-कुशवाहा भी खुश कैसे?
बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद, एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय से चल रही चर्चा रविवार को आखिरकार समाप्त हो गई। रविवार को एनडीए के सभी घटक दल अंतिम सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर सहमत हो गए। जिसके बाद दलवार सीटों का ऐलान कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री और बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “X” पर एक पोस्ट में इस फॉर्मूले की आधिकारिक घोषणा की। प्रधान ने बताया कि एनडीए में भाजपा और जदयू दोनों को 101-101 सीटें मिली हैं। इसका मतलब है कि जदयू और भाजपा एक बार फिर बिहार की राजनीति में बराबरी के स्तर पर चुनाव लड़ेंगे। किस आधार पर हुआ सीट बंटवारा एनडीए ने अपने सहयोगियों के लिए एक नया फॉर्मूला अपनाया है। जिसके तहत एक सांसद के लिए छह विधानसभा सीटें दी गई हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (R) के चिराग पासवान को पांच सांसदों के लिए 29 सीटें मिली हैं। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा को प्रति सांसद छह सीटें और जीतन राम मांझी की हम पार्टी को भी प्रति सांसद छह सीटें दी गई हैं। गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी को पांच सीटें मिली थीं। जहां शत-प्रतिशत स्ट्राइक रेट दिखाते हुए उन्होंने जीत दर्ज की थी।
इसके अलावा मांझी को लोकसभा चुनाव में एक सीट मिली थी उन्होंने भी उस पर जीत दर्ज की थी। कुशवाहा ने भी अपनी सीट पर जीत दर्ज की थी। बड़ा दिल दिखाया ‘बड़ा भाई’ गया 2025 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू “बड़े भाई” की बजाय बराबर पर आ गई है। 2020 के चुनाव में जेडीयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 43 सीटें जीती थीं। इस बार पार्टी ने अपनी संख्या 14 घटाकर 101 करने का फैसला किया है। जेडीयू ने यह कदम अपने सहयोगियों के लिए जगह छोड़ने और गठबंधन की एकता बनाए रखने के लिए उठाया है। एनडीए के सीट बंटवारे का ऐलान: BJP-JDU बराबर…चिराग को 29 सीटें, मांझी के साथ हो गया 'खेला' 2020 के चुनाव में भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 78 सीटें जीती थीं।
2025 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और 10 सीटें अपने सहयोगियों के लिए छोड़ेगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने गठबंधन की स्थिरता और चुनावी तालमेल को मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया है।





