Manipur Kaand : मणिपुर हिंसा को लेकर लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ सदन में विपक्ष ला रहा अविश्वास प्रस्ताव
नई दिल्ली एजेंसी। भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) में शामिल कुछ विपक्षी दल बुधवार को मणिपुर हिंसा को लेकर लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले हैं।
मंगलवार देर रात लोकसभा सासंद और कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जानकारी दी है। बता दें कि मंगलवार सुबह 'इंडिया' के घटक दलों की बैठक में नोटिस सौंपने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव का सहारा लेने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा क्योंकि सरकार विपक्षी दलों की मांग को स्वीकार नहीं कर रही है कि मणिपुर के मुद्दे पर कम से कम प्रधानमंत्री को संसद में एक मजबूत बयान देना चाहिए क्योंकि वह भारत के प्रधान मंत्री के अलावा संसद में हमारे नेता हैं।
मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी सदन में जवाब दें: विपक्ष सूत्रों ने जानकारी दी कि मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी को संसद में बोलने के लिए मजबूर करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का यह एक प्रभावी तरीका होगा।
विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी सदन में जवाब दें। वहीं, सरकार का कहना है कि वह मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं करने दे रहा है। विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दलों ने संसद में जारी गतिरोध के बीच यह साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री के सदन में बयान के बाद ही मणिपुर पर चर्चा शुरू होने के अपने रूख से वह कोई समझौता नहीं करेगा।
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं की मंगलवार सुबह संसद भवन में राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में हुई बैठक के दौरान मणिपुर पर सदन में पीएम को बोलने के लिए बाध्य करने को अविश्वास प्रस्ताव लाने के विकल्प पर चर्चा हुई। अविश्वास प्रस्ताव पर बीजेपी ने किया पलटवार विपक्षी गठबंधन को मालूम है कि लोकसभा में आंकड़ों के गणित में मोदी सरकार को पर्याप्त बहुमत हासिल है।
ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव का विकल्प राजनीतिक रूप से जोखिम का सौदा है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव लाने की सुगुबगाहटों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनके इस कदम के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन अगर वे ऐसा कर रहे हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि पिछली बार जब वे अविश्वास प्रस्ताव लाए थे, तो बीजेपी 300 से अधिक सीटों के साथ मजबूत बहुमत के साथ सत्ता में वापस आई थी। इस बार अविश्वास प्रस्ताव लाए तो हमें 350 से अधिक सीटें मिलेंगी।
चार साल से अधिक समय में 17वीं लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अभी तक कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं आया है। 16वीं लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ पहली बार 20 जुलाई, 2018 को लाया गया था जिसमें एनडीए सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव को 325 के मुकाबले 126 वोटों से शिकस्त दी थी। 'इंडिया' गुट में शामिल हैं 150 सांसद लोकसभा की 543 सीटों में से पांच अभी रिक्त हैं जिसमें राहुल गांधी की वायनाड़ सीट भी शामिल है।
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास लोकसभा में 330 से अधिक सदस्य हैं जबकि बहुमत का आंकड़ा 272 का है। वहीं इंडिया में शामिल दलों के पास लगभग 150 सांसद हैं। जबकि वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी, भारत राष्ट्र समिति जैसे कई अन्य दलों का आंकड़ा 60 से अधिक सदस्य है और वे इन दोनों खेमों से बाहर हैं।