Etah News : नामजद आरोपियों की आज तक गिरफ्तारी न होना न्यायिक प्रणाली का खुलेआम मजाक है: एडवोकेट एपी सिंह
नामजद आरोपियों की आज तक गिरफ्तारी न होना न्यायिक प्रणाली का खुलेआम मजाक है: एडवोकेट एपी सिंह
गौरव कुमार हत्याकांड प्रकरण के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने एडवोकेट एपी सिंह आये एटा...एटा पुलिस से मिला निष्पक्ष जांच का आश्वासन
अमित माथुर
एटा। अलीगढ़ जिले के थानाक्षेत्र हरदुआगंज के अंतर्गत गांव नयावास इमलानी में पिछले वर्ष हुए गौरव कुमार हत्याकांड मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने एडवोकेट एपी सिंह का दूसरी बार एटा जनपद में आना हुआ। सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने एडवोकेट एपी सिंह ने गौरव कुमार हत्याकांड को लेकर एसएसपी एटा एवं इस मामले की जांच कर रहे मुकेश कुमार मलिक से बात कर जांच के विषय में जानकारी ली। जिसके उपरांत एडवोकेट एपी सिंह ने प्रेसवार्ता कर पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि इस हत्याकांड में पुलिस का रवैया बहुत ही शर्मनाक रहा है, गौरव कुमार हत्याकांड अलीगढ़ जिले के हरदुआगंज थानाक्षेत्र के अन्तर्गत गांव नयावास इमलानी में पिछले वर्ष उस वक्त हुआ जब मृतक गौरव कुमार अपने खेतों में सिंचाई कर रहा था तभी गांव के सेठीराम, राजवीर, सतपाल, धर्मेंद्र एवं सत्यप्रकाश आदि लोगों ने गौरव कुमार को घेरकर पीठ में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
जिसका मुकद्दमा अपराध संख्या 223/24 अंतर्गत धारा 302,122बी, 504,506 थाना हरदुआगंज में दर्ज है लेकिन इसके बावजूद अलीगढ़ पुलिस द्वारा हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं की गई, इस प्रकरण में भ्रष्टाचार में लिप्त दरोगा रवि चंद्रवाल द्वारा हत्यारों को बचाने तथा मामले को दबाने एवं तमाम सबूतों को मिटाने का भरपूर प्रयास किया गया। जिसके बाद उच्च अधिकारियों से अनुरोध के बाद इस हत्याकांड की जांच एटा पुलिस को सौंपी गई लेकिन अभी तक सभी अभियुक्त खुलेआम न्याय व्यवस्था का मजाक बनाते हुए घूम रहे हैं। एडवोकेट एपी सिंह ने पत्रकारों को बताया कि गौरव कुमार हत्याकांड मामले में ना हीं कोई पूछताछ की गई है और ना हीं शिकायकर्ता द्वारा दिए गए किसी भी साक्ष्य वीडियो, फोटो, काॅल रिकार्डिंग इत्यादि को विवेचना में शामिल किया गया जबकि घटना के चश्मदीद गवाह मौजूद हैं जिन्होंने संबंधित घटना में शपथपत्र भी दिए हैं।
मृतक गौरव कुमार के भाई कौशल कुमार ने कहा कि घटनास्थल से जो तमंचा मिला उससे फिंगरप्रिंट तक नहीं लिया गया है जबकि तमंचा गांव के हेम सिंह द्वारा मृतक के बाएं तरफ पेड़ के नीचे पड़े तमंचे को पहचान कर उठाया गया और मृतक के दाहिने तरफ दोबारा डाल दिया गया, साथ ही मृतक के कपड़ों को जांच के लिए नहीं भेजा गया, पुलिस द्वारा सबूतों को लगातार मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। घटना के चश्मदीद गवाहों को आरोपियों द्वारा उनके घरों पर जाकर डराया-धमकाया जा रहा है, गवाही देने पर जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं जिसकी सूचना कई बार सम्बंधित थाना पुलिस एवं एटा पुलिस को भी दी गई है।
आरोपियों के खुलेआम घूमने व गवाहों को घर जाकर धमकाने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई जबकि अभियुक्तों का काफी लंबा आपराधिक इतिहास है। शिकायतकर्ता के सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट डॉ एपी सिंह ने कहा कि घटना में शामिल नामजद आरोपियों की आज तक गिरफ्तारी न होना न्यायिक प्रणाली का खुलेआम मजाक है।





