Etah News : रामलीला के नाम पर लूट, भ्रष्टाचार और भेदभाव की खुली पोल!
Etah News : रामलीला के नाम पर लूट, भ्रष्टाचार और भेदभाव की खुली पोल!
रामलीला के नाम पर लूट, भ्रष्टाचार और भेदभाव की खुली पोल!
चार संभ्रांत चेहरों की आड़ में कमेटी की चौकड़ी का गोरखधंधा
जसवंत सिंह यादव (स्वतंत्र पत्रकार)
एटा। शहर की ऐतिहासिक रामलीला, जो वर्षों से सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था का प्रतीक रही है, आज अपनी साख और गरिमा को खोती जा रही है। रामलीला कमेटी में व्याप्त भ्रष्टाचार, भेदभाव और अनैतिक गतिविधियों ने इस आयोजन की पवित्रता को गंभीर रूप से आहत किया है। शहर में चर्चा है कि पूर्व सांसद कैलाश बाबू यादव, अजय चतुर्वेदी, सुरेंद्र प्रकाश गुप्ता और डा. राजीव कुलश्रेष्ठ जैसे संभ्रांत चेहरों की आड़ में रामलीला कमेटी की *चार सदस्यीय चौकड़ी*—उमाशंकर गिरी, *अनिल कुमार शर्मा (टिल्लू)*, *अनिल कुमार शर्मा (बैरागी) और दिनेश उपाध्याय —रामलीला के नाम पर हर साल लाखों रुपये की लूट मचा रही है।
? ठेके और टैक्स वसूली बनी कमाई का जरिया रामलीला आयोजन में दुकानों और खेल-तमाशों के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। आरोप हैं कि यह धनराशि बिना किसी पारदर्शिता के हड़पी जा रही है।
? मंच पर शराबियों का कब्जा, रामलीला बनी मज़ाक रामलीला मंचन के दौरान मंच पर शराबियों का जमावड़ा आम हो गया है, जिससे धार्मिक माहौल बिगड़ता है। दलित-पिछड़ों से भेदभाव, मंच से दूरी कमेटी पर गंभीर आरोप है कि *दलित और पिछड़े वर्ग* के लोगों को रामलीला कार्यक्रमों में जानबूझकर मंच से दूर रखा जा रहा है। छपे कार्डों और प्रेस विज्ञप्तियों में भी इन वर्गों के नाम नहीं हैं। यह आचरण भगवान श्रीराम के सामाजिक समरसता के संदेश के खिलाफ है।
? कमेटी का रजिस्टर तक नहीं दिखा सके अधिकारी जिला स्तरीय अधिकारियों ने जब कमेटी से आयोजन की कार्यवाही रजिस्टर मांगा, तो कमेटी के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। यही कारण है कि इस बार उद्घाटन कार्यक्रम में कोई उच्चाधिकारी शामिल नहीं हुआ।
?️ समाजसेवी प्रमोद गुप्ता ने उठाई आवाज शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी प्रमोद गुप्ता ने खुलकर कहा कि रामलीला कमेटी में भारी भ्रष्टाचार, भेदभाव, राजनीतिक हस्तक्षेप और धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने इस आयोजन की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
? अब सवाल ये हैं: * रामलीला जैसे धार्मिक आयोजन में भ्रष्टाचार की अनुमति कैसे दी जा रही है? * क्या इस पवित्र परंपरा का उपयोग केवल निजी स्वार्थ और राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है? * क्या जिला प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगा?
? शहर में मांग उठ रही है कि रामलीला कमेटी की जांच कर, दोषियों पर कार्रवाई की जाए और आयोजन को फिर से उसकी गरिमा लौटाई जाए।





