वर्चस्व की जंग में एक ही परिवार के दो नेता आमने-सामने, पुलिस ने भेजा जेल

वर्चस्व की जंग में एक ही परिवार के दो नेता आमने-सामने, पुलिस ने भेजा जेल
कायमगंज (फर्रुखाबाद)। शहर में वर्चस्व की लड़ाई अब सड़कों से होती हुई जेल तक पहुंच गई है। एक ही परिवार के दो प्रमुख चेहरे—किसान नेता मुन्नालाल सक्सेना और हिन्दू महासभा के प्रांतीय नेता प्रदीप सक्सेना के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी आखिरकार पुलिस और अदालत की दहलीज़ तक जा पहुंची। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक मारपीट के वीडियो ने इस मामले में नया मोड़ ला दिया। मामला उस समय गरमा गया जब बिजली विभाग के संविदा कर्मी प्रशांत कुमार ने किसान नेता मुन्नालाल सक्सेना, उनके पुत्रों विनीत और मिलन सहित पांच लोगों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जवाहरगंज स्थित किसान नेता के आवास पर अवैध कनेक्शन की जांच करने पहुंचे सुपरवाइजर के साथ हुई झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामले में कार्रवाई न होने से नाराज हिन्दू महासभा के नेता प्रदीप सक्सेना ने सोमवार को कथित तौर पर कीटनाशक खा लिया।
उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर अनुराग मिश्रा अस्पताल पहुंचे और प्रदीप सक्सेना से पूछताछ की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने किसान नेता मुन्नालाल सक्सेना, उनके दोनों पुत्रों सहित हिन्दू महासभा नेता प्रदीप सक्सेना और उनके पुत्र जय सक्सेना को हिरासत में लेकर शांति भंग की धाराओं में चालान किया। वहीं, सुपरवाइजर की शिकायत के आधार पर किसान नेता के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अभिरक्षा में सभी आरोपितों को अदालत में पेश किया गया, जहां मजिस्ट्रेट ने मामले की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दे दिए।
वर्चस्व की लड़ाई में परिवार के भीतर ही राजनीतिक और सामाजिक दरारें उजागर होने लगी हैं। किसान संगठनों और हिन्दू संगठनों में गुपचुप चल रही खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है। इंस्पेक्टर अनुराग मिश्रा ने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे वह किसी संगठन से जुड़ा हो या किसी पद पर हो।