मेडिकल कालेज में प्राचार्य डा0 रजनी पटेल की व्यवस्थाओं ने प्राइवेट चिकित्सकों और क्लीनिकों की तोड़ी कमर

मेडिकल कालेज में प्राचार्य डा0 रजनी पटेल की व्यवस्थाओं ने प्राइवेट चिकित्सकों और क्लीनिकों की तोड़ी कमर
★ बेहतरीन व्यवस्थाओं के कारण प्रतिदिन उमड़ रही है 3 से 4 हजार मरीजों की भीड़, मरीजों की तादाद के आगे कभी-कभी मौजूदा व्यवस्थाएं भी पड़ जाती हैं कम - मदन गोपाल शर्मा
एटा। वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एटा की प्राचार्य डा0 रजनी पटेल की प्रशासनिक व्यवस्था कौशल ने जनपद के प्राइवेट चिकित्सकों और क्लीनिकों की कमर तोड़ कर रख दी है। जो कभी लाखों रूपये प्रतिमाह कमा रहे थे उन क्लीनिकों के संचालकों की आंखों में आंसू तैर रहे हैं। हो सकता है कि आगामी कुछ समय के बाद विल्डिंगों पर कुछ क्लीनिकों का साइन बोर्ड ही दिखाई न दे। सभी प्राइवेट क्लीनिक के संचालक और चिकित्सक मेडिकल कालेज की व्यवस्थाएं बिगड़ने का इंतजार कर रहे हैं तब उनके क्लीनिकों में मरीजों की संख्या वृद्धि हो सके। डा0 रजनी पटेल ऐसे लोगों की आंखों की किरकिरी बनी हुई हैं। एटा मेडिकल कालेज में प्रतिदिन 3 से 4 हजार रोगियों की भीड़ देखकर ऐसा लगता है कि सारे जनपद का मरीज प्राइवेट चिकित्सकों और क्लीनिकों को भूल रहा है।
कभी आये दिन प्राइवेट चिकित्सकों के कारण मौत के मुंह में समाने वाली जच्चा और बच्चा तथा अन्य रोगियों के समाचार अब कभी-कभी ही सुनने को मिलते हैं। मेडिकल कालेज की बेहतरीन व्यवस्थाओं के कारण झोलाछाप डाक्टरों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यह सब मेडिकल कालेज की प्राचार्य डा0 रजनी पटेल की प्रशासनिक व्यवस्थाओं के चाक-चौबन्द होने के कारण सम्भव हो पाया है। अब प्रतिदिन मेडिकल कालेज में 3 से 4 हजार के बीच मरीजों की भीड़ रहती है। रोगियों की भीड़ के कारण बेहद चुस्त-दुरूस्त व्यवस्था भी कम पड़ जाती है। मेडिकल कालेज में प्रातः 7 बजे से ही पर्चा बनवाने और खून की जांच कराने वालों की लम्बी-लम्बी लाइनें लग जाती हैं। मेडिकल कालेज की उचित व्यवस्थाओं के कारण वे लोग भी यहां से दवा ले रहे हैं जो धनाढ्य होने के कारण कभी सरकारी अस्पतालों से दवाएं लेने में गुरेज करते थे। रोगियों को यह कहते सुना जाता है कि अस्पताल में अब अच्छी दवा मिलने के कारण लोगों की धारणा में यह बदलाव आ रहा है कि सरकारी अस्पतालों में अच्छी दवाएं नहीं मिलतीं और न चिकित्सक ठीक प्रकार से देखते हैं।
मेडिकल कालेज के वार्ड नं0 509 और बाद में 515 में भर्ती रहे राजीव निवासी जलालपुर साथल ने बताया है कि वह कई दिन पूर्व इमरजेंसी में भर्ती हुए थे। उसके बाद हमें 509 में शिफ्ट किया गया तथा हमारी खून जांच में मलेरिया की पुष्टि होने पर वार्ड नं0 509 में रखा गया। यह वार्ड संचारी रोग के रोगियों के लिए है। उसके बाद राजीव ने बताया कि मुझे मलेरिया की पुष्टि होने के बाद मेरे गांव में मेरे घर पर दवा का छिड़काव किया गया। राजीव ने बताया कि मेडिकल कालेज में हमें कोई परेशानी नहीं हुई, समय पर डाक्टर देखने को वार्ड में आते हैं। उचित दवा मिलती है जिसके कारण हम स्वस्थ हो सके हैं।