सीपी विद्या निकेतन इण्टर कॉलेज में 79वाँ स्वतंत्रता दिवस बडे ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया

सीपी विद्या निकेतन इण्टर कॉलेज में 79वाँ स्वतंत्रता दिवस बडे ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया
कायमगंज/फर्रुखाबाद। आज सी०पी० विद्या निकेतन इण्टर कॉलेज के भव्य एवं विशाल प्रांगण में 79वाँ स्वतंत्रता दिवस बडे ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें सर्वप्रथम ध्वजारोहण एवं स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों पर पुष्पार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ’ किया गया मुख्य अतिथि वीरेन्द्र सिंह राठौर (प्रबन्धक राजपूताना स्कूल) एवं गणमान्यों का स्वागत किया गया। विद्यालय के बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक एवं देश भक्ति कार्यक्रम (आरम्भ है प्रचण्ड है तथा मेरे देश की धरती आदि रंगारंग कार्यक्रमों ने सबका मन मोह लिया। छोटे कवि आशुतोष एव आर्यन आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सत्यप्रकाश अग्रवाल ने बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रहने की नसीहत दी। और बच्चों को भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
विद्यालय की निर्देशिका डॉ मिथलेश अग्रवाल ने सबको वेदों की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया और आत्मनिर्भर बनने को कहा बच्चों में देशभक्ति की भावना विकसित करने पर बल दिया और कहा देश के सभी नागरिकों को स्वदेशी बस्तुओं का उपयोग करना चाहिए और सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीरेन्द्र सिंह राठौर जीने कहा सी०पी० विद्या निकेतन की पहचान आदरणीय स्वर्गीय श्री पिक्कू बाबू से हुई है। पहले कायमगंज के बच्चे फर्रुखाबाद शिक्षा ग्रहण करने जाते थे। आज फर्रुखाबाद से कायमगंज के विद्यालय सी०पी० विद्या निकेतन में पड़ने आते हैं। जिससे विद्यालय परिवार एवं कायमगंज क्षेत्र का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है। विद्यालय के प्रधानाचार्य योगेश चन्द्र तिवारी ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए करते हुए विद्यालय से पास आउट होकर विभिन्न क्षेत्रो में अपना योंगदान दे रहे पूर्व छात्रों को विद्यालय परिवार की ओर से शुभकामनाएँ एव बधाईया दी। कार्यक्रम के अन्त में सी० पी० विद्या निकेतन (अंग्रेजी माध्यम) के प्रधानाचार्य आर. के. वाजपेयी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया। उपप्रधानाचार्य मनोज तिवारी, मनोज श्रीवास्तव,दीपक कुमार जैना, विजय बाबू गुप्ता सहित विद्यालय के सभी अध्यापक गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अर्जुन सिंह राठौर जी ने किया।