डिम्पल यादव पर मौलाना की टिप्पणी, चारो तरफ बवाल

Jul 30, 2025 - 09:38
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डिम्पल यादव पर मौलाना की टिप्पणी, चारो तरफ बवाल

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव को लेकर मौलाना साजिद रशीदी की की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने देश की राजनीति में बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब डिंपल यादव संसद भवन के पास स्थित एक मस्जिद में पहुंचीं और उन्होंने सिर पर पल्लू नहीं रखा। मौलाना ने इस पर आपत्ति जताते हुए सार्वजनिक रूप से बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी, जिससे समाजवादी पार्टी और खासकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का गुस्सा फूट पड़ा।

अखिलेश यादव ने संसद सत्र के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए तीखे शब्दों में मौलाना की आलोचना की और कहा कि उनकी पत्नी ने कोई गलत कपड़े नहीं पहने, वे वही पहनती हैं जो लोकसभा में भी पहनती हैं। अखिलेश ने कहा कि हर किसी को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और यह बताना कि कौन क्या पहने, किसी की व्यक्तिगत पसंद पर हमला है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और लोग उनकी स्पष्टवादिता की तारीफ कर रहे हैं। मामला तूल पकड़ने पर लखनऊ के विभूतिखंड थाने में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। लेकिन इसके बावजूद मौलाना अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने उलटे एक और बयान देकर विवाद को और बढ़ा दिया।

 उन्होंने कहा कि अगर डिंपल यादव मंदिर में भी बिना पल्लू के जाएंगी, तो वे माफी मांग लेंगे। इस बयान के बाद राजनीतिक पारा और चढ़ गया है। भाजपा ने इस मामले को महिला सम्मान से जोड़ते हुए सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ डिंपल यादव नहीं, बल्कि देश की हर महिला का अपमान है और मौलाना के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उधर, सपा समर्थक इस मामले को साजिश करार दे रहे हैं और इसे डिंपल यादव की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश बता रहे हैं। इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस की चुप्पी भी चर्चा में है। जहां एक ओर बीजेपी और सपा आमने-सामने हैं, वहीं कांग्रेस की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस रणनीतिक रूप से खुद को इस विवाद से दूर रख रही है, जबकि कुछ इसे मौन समर्थन भी मान रहे हैं। डिंपल यादव पर की गई टिप्पणी ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि इसे लेकर देशभर में महिला सम्मान को लेकर बहस भी शुरू हो गई है।

अब देखना होगा कि इस विवाद का अंत कहां जाकर होता है और क्या मौलाना पर कोई सख्त कार्रवाई होती है या यह मामला सिर्फ सियासी बयानबाजी तक ही सिमट कर रह जाएगा।