एआरटीओ कार्यालय बना दलाली का अड्डा...

एआरटीओ कार्यालय बना दलाली का अड्डा...
एआरटीओ और बाबुओं के संरक्षण में जमकर फल-फूल रही दलालों की दुकान
कासगंज। कासगंज एआरटीओ कार्यालय पर लंबे समय से दलाली और भ्रष्टाचार धड़ल्ले से चल रहा है, एआरटीओ से लेकर बाबूओं की मिलीभगत से दलालों की दुकान जमकर फल-फूल रही हैं लेकिन उच्च अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति एआरटीओ कार्यालय पर बिल्कुल दम तोड़ चुकी है, भ्रष्टाचार और दलाली रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे तमाम प्रयास एआरटीओ कार्यालय पर बेअसर साबित हो रहें हैं। कहने को तो आनलाइन प्रक्रिया के तहत एआरटीओ कार्यालय पर काम हो रहें लेकिन आनलाइन प्रक्रिया सिर्फ फीस कटने तक ही सीमित है उससे आगे की प्रक्रिया कार्यालय में बैठे अधिकारी और भ्रष्ट बाबूओं के जरिए होती है और उसी के नाम पर दलालों से प्रत्येक कार्य पर तय राशि के तहत दलालों से वसूली की जाती है।
ड्राईविंग लाईसेंस पर एक रेट तय कर दिया गया है उसी के हिसाब से प्रत्येक फाइल पर उगाई हो रही है इसके साथ ही वाहन ट्रांसफर, रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, दूसरे जनपदों एवं राज्यों से आई वाहनों की एनओसी दर्ज करने के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। वाहन कितना छोटा-बड़ा है उसी के हिसाब से कीमत तय है, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दूसरे जनपदों एवं राज्यों से आए वाहनों की एनओसी दर्ज करने के नाम पर करीब 10 हजार रुपए तक प्रत्येक फाइल पर उगाई की जाती है। मोटी कमाई और कम समय में करोड़पति बनने के चक्कर में एआरटीओ अधिकारी और बाबूओं के दलाल कमाऊ पूत बन चुके हैं। कासगंज जनपद की ईमानदार एवं मेहनती जिलाधिकारी के अथक प्रयासों से जहां कासगंज जनपद प्रदेश एवं देश में अलग स्वच्छ छवि बना रहा है तो वहीं एआरटीओ अधिकारी और उनके भ्रष्ट बाबूओं के जल्द करोड़पति बनने के सपने के चक्कर में सरकार की छवि धूमिल हो रही है।