मुख्य विकास अधिकारी ने किया तीन गोशालाओं का औचक निरीक्षण

Apr 14, 2025 - 07:50
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मुख्य विकास अधिकारी ने किया तीन गोशालाओं का औचक निरीक्षण

मुख्य विकास अधिकारी ने किया तीन गोशालाओं का औचक निरीक्षण

एटा । जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह के द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 नागेंद्र नारायण मिश्र ने आज गौ संरक्षण केंद्र, भदुआ विकासखंड निधौली कला का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय सीवीओ डॉ0 अनिल कुमार, खण्ड विकास अधिकारी निधौलीकलाँ गोपाल गोयल, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव अधिकारीगण उपस्थित रहे, पूर्व सूचना के उपरांत डिप्टी सीवीओ डॉ0 प्रभात कुमार अनुपस्थित पाए गए।

गौ वंशो की चिकित्सा के संबंध में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी और न ही कोई पंजिका, अभिलेख मौके पर उपलब्ध कराया जा सके। इस प्रकार गौ वंशों की चिकित्सा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। इसको दृष्टिगत रखते हुए डॉ0 प्रभात कुमार गुप्ता का 1 दिन का वेतन रोके जाने के निर्देश दिए गए, साथ ही ग्राम पंचायत सचिव फुलवारी सिंह को चेतावनी दी गई क्योंकि उनके द्वारा अपने कार्यों का संपादन ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा। तद्पश्चात मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा विकासखण्ड शीतलपुर में पवास गौशाला का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान गौशाला में अव्यवस्था पाई गई, सूचना के उपरांत भी डॉ0 सुबोध कुमार पशु चिकित्सा अधिकारी मौके पर उपस्थित नहीं थे,ग्राम पंचायत सचिव इमरान अली भी गौशाला से संबंधित कार्यों की कोई जानकारी नहीं दे सके, उनके अभिलेख भी आधे अधूरे पाए गए,ऐसी स्थिति में उनको कारण बताओं नोटिस दिए जाने के साथ ही आज दिनांक 13 अप्रैल का वेतन रोका गया है।

साथ ही‌ पशु चिकित्सा अधिकारी सुबोध कुमार को कारण बताओं नोटिस आज दिनांक का वेतन रोके जाने के निर्देश दिए गए। उसके उपरान्त आज ही मलावन स्थित गौशाला का भी निरीक्षण किया गया यहां व्यवस्था चाक चौबंद पाई गई। अभिलेख अद्यतन पाए गए। डॉ0 जितेंद्र सिंह द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है,इसके साथ ही खंड विकास अधिकारी उमेश चंद्र अग्रवाल के द्वारा ठीक कार्य किया जा रहा है।ताजे पानी की समुचित व्यवस्था पाई गई,उनके कार्यों की सराहना की जाती है तथा इन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। इस प्रकार तीनों गौशालाओं में चिकित्सा का अभाव प्रतीत होता है और ऐसा आभास होता है की मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी का अपने अधीनस्थों पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसी स्थिति में उन्हें चेतावनी दी जाती है कि वह अपने अधीनस्थों के कार्यों में सुधार लाना सुनिश्चित करें।