हाई कोर्ट ने कायमगंज पुलिस का गैंगस्टर केस कर दिया रद्द
हाई कोर्ट ने कायमगंज पुलिस का गैंगस्टर केस कर दिया रद्द
फर्रुखाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने खामियां पाए जाने पर कोतवाली कायमगंज में दर्द गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे की एफआईआर रद्द करने के साथ ही गैंग चार्ट को भी खारिज कर दिया है।
इस आदेश से जिला प्रशासन की किरकिरी हो रही है। मालूम हो कोतवाली कायमगंज के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक राम अवतार ने 31 जनवरी को जुबैर खान पुत्र लड्डून खान निवासी मोहल्ला गढी इज्जत खां, रामनरेश पुत्र रामचन्द निवासी गुड मण्डी, सुखवीर पुत्र कश्मीर सिंह निवासी ग्राम रुटौल।
पुष्पेन्द्र पुत्र रनवीर सिंह निवासी कैल्था थाना अलीगंज, आदेश पुत्र श्री कृष्ण निवासी पपडी खुर्द बुजुर्ग थाना कायमगंज, मोबिन पुत्र रहमत खान निवासी मोहल्ला दुन्दी गढी पितौरा, तारिक उर्फ तालिब पुत्र शाहिद खां निवासी चौक मऊदरसीदाबाद एवं 8-पवन मिश्रा पुत्र रामनरेश निवासी ललई के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कहा गया कि आरोपियों द्वारा मिलकर एक संगठित आपराधिक गिरोह बना लिया है। इस गिरोह का गैंग लीडर अभियुक्त जुबैर खान है।
इस गैंग के द्वारा अपने व अपने परिवार के लिये आर्थिक एवं भौतिक लाभ हेतु दस्तावेजो की कूट रचना कर फर्जी फर्म खोलकर तम्बाकू का व्यापार कर की चोरी करना व अवैध रुप से धन अर्जित करना व जान से मारने की धमकी देने जैसे जघन्य अपराध कारित करना व उत्तरप्रदेश गिरोहबन्ध एंव समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम में वर्णित अपराध कारित करते है। उक्त मुकदमे के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई।
रिट याचिका में यूपी की धारा 3 (1) के तहत केस अपराध संख्या 22/2024 के रूप में दर्ज दिनांक 31.01.2024 की आक्षेपित प्रथम सूचना रिपोर्ट को रद्द करने की प्रार्थना की गई है। गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1986 (इसके बाद ‘गैंगस्टर अधिनियम’ के रूप में संदर्भित), पी.एस. कायमगंज, जिला- फर्रुखाबाद के साथ-साथ गैंग चार्ट को रद्द करने और प्रतिवादियों को यह निर्देश देने के लिए कि याचिकाकर्ता को प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसरण में गिरफ्तार न किया जाए।
याचिकाकर्ताओं के विद्वान वकील का तर्क यह है कि संबंधित एफआईआर के गैंग चार्ट की सिफारिश और अनुमोदन करते समय, सक्षम अधिकारियों द्वारा कोई संतुष्टि दर्ज नहीं की गई क्योंकि सक्षम प्राधिकारी ने पूर्व-टाइप की गई संतुष्टि पर हस्ताक्षर किए हैं जो निर्धारित कानून के खिलाफ है। सन्नी मिश्रा संजयन कुमार मिश्रा बनाम यूपी राज्य में इस न्यायालय की डिवीजन बेंच द्वारा। और अन्य ने 2024 (1) एडीजे 231 (डीबी) में रिपोर्ट की। विद्वान एजीए ने हालांकि इस याचिका का विरोध किया लेकिन उपरोक्त तथ्य पर विवाद नहीं कर सका।
गैंग चार्ट के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि संतुष्टि पूर्व-टाइप की गई है जिसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुशंसा और अनुमोदन करते समय हस्ताक्षरित किया गया था जो कि सन्नी मिश्रा (सुप्रा) के मामले में निर्धारित कानून के खिलाफ है। मुख्य सचिव, उ.प्र. शासन द्वारा जारी सरकारी परिपत्र दिनांक 21.1.2024 उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुनने तथा अवलोकन के बाद उपरोक्त विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि आक्षेपित एफ.आई.आर. का गैंग चार्ट स्वयं नियम, 2021 के साथ-साथ सन्नी मिश्रा (सुप्रा) मामले में इस न्यायालय द्वारा जारी निर्देश का उल्लंघन करके तैयार किया गया है।
अतः गैंग चार्ट के साथ-साथ आक्षेपित एफ.आई.आर. रद्द किये जाने योग्य हैं। चूंकि यह न्यायालय वर्तमान याचिका पर केवल तकनीकी आधार पर विचार कर रहा है, इसलिए याचिका को लंबित रखने के बजाय, विवादित एफ.आई.आर. को रद्द करके याचिका का अंतिम रूप से निपटारा किया जा रहा है। साथ ही गैंग चार्ट भी.तद्नुसार, रिट याचिका स्वीकार की जाती है। आक्षेपित एफ.आई.आर. जहां तक वर्तमान याचिकाकर्ता का सवाल है, दिनांक 31.01.2024 के साथ-साथ गैंग चार्ट को भी रद्द किया जाता है। मालूम हो कि जुबेर नगर फतेहगढ़ के माफिया रज्जू खान का भांजा है।