बहुत समय पड़ा है

Jul 7, 2023 - 09:23
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बहुत समय पड़ा है
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बहुत समय पड़ा है हम अपने जीवन में अवसर की प्रतीक्षा करते रहते हैं । कहते है कि अत्यधिक सोच आदमी को कमज़ोर बना देती हैं ।तो ज़्यादा सोचनाभी कभी-कभी बेमानी सा लगता है ।चाहे जैसा भी समय हो जिंदगी को क़रीब से जिया जाये । हमें मनुष्य भव मिला हैं इसके समय परसदुपयोग करने में ही मज़ेदारी हैं वरना खोए पल बाद हम हाथ मलते रह जायेंगे ।हमारे हौसलों के तरकश में सही कोशिश के तीर तो हैंपर अवसर की उम्मीद नही इसलिए अवसर के मोती चुन लेने चाहिए । अत्यधिक सोच (ओवरथिंकिंग) अर्थात दिमाग में ज़रूरत सेज्यादा विचारों का होना ।

अत्यधिक सोच-विचार से मन में स्पष्टता की कमी हो जाती है साथ ही यह एक तार्किक समाधान प्राप्त करनेमें बाधक होता है ।यह केवल जुनूनी, आक्रोशपूर्ण और अनावश्यक सोच का कारण बनता है ।अत्यधिक सोच हमारा दृष्टिकोण भीप्रभावित करती है। हम जानते हैं कि हम अतीत को नहीं बदल सकते हैं और भविष्य कोई भी नहीं जानता हैं फिर भी मन विचारों केचक्रव्यूह में खो जाता है । याद रखें हमारी पिछली गलतियों से सीखने या फिर उन पर सनकी होने में बस थोड़ा सा ही अंतर है ।

जिज्ञासाको जिंदा रखने वाला मूर्ख रहता है नादान व अजान और जिज्ञासा को शांत कर लेने वाला होता है सचमुच बुद्धिमान व पा लेता हैसमुचित समाधान। इसलिए अवसर आते ही उन्हें पकड़िए अन्यथा फिर पछताते रहिए। अकसर वे लोग आया अवसर खो देते हैं जोसोचते रहते हैं कि अभी तो बहुत समय पड़ा है।सही में यही तो वहम सबसे बड़ा है। प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )