महिलाएं शराब पीने में नहीं है पुरुषों से कम, जाने किस उम्र के लोग पीते हैं ज्यादा शराब
महिलाएं शराब पीने में नहीं है पुरुषों से कम, जाने किस उम्र के लोग पीते हैं ज्यादा शराब
दुनियाभर में ये आम राय है कि शराब पीने के मामले में पुरुष महिलाओं की तुलना में आगे रहते हैं।
मगर अब ये बीतें दिनों की बात होती जा रही है. महिलाएं भी उतनी ही शराब पी रही हैं जितना कि पुरुष। बात बस इतनी भर नहीं है, पीने की रफ्तार में भी महिलाएं पुरुषों को पीछे छोड़ती जा रही है. पहले एल्कोहल इंडस्ट्री के लिए महिलाएं एक जरिया थी यानी अपने बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए विज्ञापनों में महिलाओं को पुरुषों को शराब बेचते दिखाया गया. अब जमाना बदल गया है तो विज्ञापन भी. इंडस्ट्री अब ड्रिंंकिंग को महिलाओं की फ्रीडम और आजाद सोच से जोड़कर विज्ञापन बनाती है. अब शराब पुरुष पिए या महिला सेहत का नुकसान तो होना तय है।
हाल ही डब्लूएचओ की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में शराब का सेवन 26 लाख लोगों की मौत का कारण बन रहा है. सवाल है कि आखिर महिलाओं में शराब का सेवन क्यों बढ़ रहा है? महिलाओं के अधिक शराब पीने के पीछे की बड़ी वजह कोरोना महामारी के दौरान, घर पर रहकर काम करना और घरेलू कामों का तनाव होने को बताया जाता है. दरअसल वर्क फ्रॉम होम करने से शराब पीने की संभावन ज्यादा होती है. वहीं घर से काम करते समय अगर शराब की लत लग जाए को तो छुटकारा पाना मुश्किल होता है।
कम्युनिटी अंगेस्ट ड्रंकन ड्राइविंग यानी CADD ने कोविड-19 पैंडमिक के दौरान दिल्ली में एक सर्वे कराया था. सर्वे में 37% से अधिक महिलाओं ने माना कि पिछले तीन सालों में उनकी शराब पीने की लत बढ़ी है. इस सर्वे के अनुसार 45% से अधिक महिलाओं ने शराब पीने की बढ़ी इस लत की वजह स्ट्रेस बताया. वहीं 34.4 फीसदी ने कहा कि आसानी से शराब मिलने की वजह से उनकी ड्रिंकिंग की आदतें बढ़ी है. 30.1 फीसदी महिलाओं ने बोरियत दूर करने के लिए शराब पीना शुरू किया।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे केअनुसार देश में 1.3 फीसदी महिलाएं जबकि 19 फीसदी पुरूष शराब का सेवन करते हैं. शहर 0.6 फीसदी के मुकाबले ग्रामीण 1.6 महिलाएं ज्यादा सेवन करती हैं. राज्यवार आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में शराब पीने वाली महिलाओं का प्रतिशत सबसे ज्यादा अरूणाचल प्रदेश में 24 फीसदी है. इसके बाद सिक्किम 16 पर्सेंट, असम 7.3 पर्सेंट और तेलंगाना 6.7 पर्सेंट है। जापान में महिलाओं के बीच अत्याधिक शराब सेवन का चलन तेजी से बढ़ रहा है. खासकर 50 साल या उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं में यह लत गंभीर रूप से बढ़ रही है।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक दशक में इस उम्र वर्ग में भारी शराब सेवन करने वाली महिलाओं की संख्या दुगुनी हो गई है. टोक्यो मेट्रोपॉलिटन सरकार द्वारा हर पांच साल में एक बार कराए जाने वाले सर्वे के अनुसार ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करने वाली महिलाओं का प्रतिशत बढ़कर 17.7 फीसदी हो गया है. यह आंकड़ा पहली बार पुरुषों से ज्यादा हुआ है. सर्वे के अनुसार 2011 में 14 फीसदी महिलाओं ने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा लेने वाले स्तर पर शराब का सेवन किया जबकि 2016 में यह आंकड़ा बढ़कर 15.5 हो गया है।
इसके ठीक उलट पुरुषों में शराब का सेवन करने वालों का प्रतिशत 2011 में 19 फीसदी से घटकर अब 16.5 फीसदी हो गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन ऐल्कॉहॉल एंड हेल्थ एंड ट्रीटमेंट ऑफ सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर नाम की रिपोर्ट के मुताबिकशराब के सेवन से कई तरह की समस्याएं होती हैं, जिनमें लीवर से जुडी बीमारियों से लेकर कैंसर तक शामिल हैं. रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि 2019 में शराब की वजह से होने वाली 26 लाख मौतों में से 16 लाख मौतें जैसे कैंसर (401,000) और दिल की बीमारियों (474,000) की वजह से हुई।
वहीं 724,000 मौतों के लिए दुर्घटनाएं, जबकि तीन लाख मौतों की वजह संक्रामक बीमारियां रही. शराब का सबसे ज्यादा शिकार 20 से 39 साल के युवा बन रहे हैं. शराब के 13 फीसदी शिकार इसी आयु वर्ग के लोग थे. इनमें से अधिकांश मौतें पुरुषों में दर्ज की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में भारत से जुड़े आंकड़ों को भी साझा किया है. इन आंकड़ों के मुताबिक 15 वर्ष या उससे अधिक आयु का एक औसत भारतीय साल में 4.9 लीटर शराब पी जाता है।
आशंका है कि 2030 तक यह आंकड़ा बढ़कर 6.7 लीटर पर पहुंच सकता है. आंकड़ों के मुताबिक 15 वर्ष या उससे अधिक आयु का एक औसत भारतीय पुरुष हर साल 8.1 लीटर शराब का सेवन कर रहा है. वहीं महिलाओं में यह आंकड़ा 1.6 लीटर दर्ज किया गया. मतलब की एक औसत भारतीय हर दिन 10.7 ग्राम शराब का सेवन कर रहा है।