कहानी - बिचारी रामकली मर गई

Jun 1, 2024 - 07:39
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कहानी ★★★

बिचारी रामकली मर गई

समशेरपुर गांव में 45 वर्षके बलबीर सिंह अपनी एक आलीशान कोठी में रहते थे । गांव में उनका अच्छा दबदबाथाउनकेपरिवारमें42वर्षीय पत्नी रामकली तथा 2 पुत्र 12 वर्ष श्याम किशोर व 9 वर्षीय रामकिशोर थे। कैप्टन साहब की गांव में माली हालत बहुत अच्छी थी । चकरोड पर 60 बीघा का अच्छी फसल देने वाला खेत था। 40 फुट वर्गाकार का हरेभरे वृक्षों से लगा हुआ बाग था।खेती करने के लिए ट्रैक्टर तथाआने जाने के लिए जीप थी।

इन सभी सुविधाओं अथाह संपत्ति के कारण कैप्टन साहब का जीवन सुख मे कट रहा था।कैप्टन साहब के घनिष्ठ मित्र 44वर्षीय पंडितजोरावर द्विवेदी की कोठी भी कैप्टन साहब के ठीक सामने थी।पंडित जी के पत्नी का नाम सुखदेवी था जो 42 वर्ष की थी ।पंडित जी से भी एक लड़का नरेंद्र देव 13 वर्ष का था । पंडित जी के पास केवल 20 बीघा जमीन थी ।उसी से अपनी गुजर-बसर कर रहे थे ।अच्छी कथा वाचक होने के कारण गांव में उन का सम्मान था । कैप्टन साहब तथा पंडित जी तीनो लड़के आपस मे बड़े मेलजोल से रहते थे। गांव में प्राइमरी पाठशाला में शिक्षा लेने के बाद तीनों लड़के गांव से लगे हुए राधा बल्लभ इंटर कॉलेज में इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद. बी,ए एम.ए की पढ़ाई करने के लिए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के लिए चले गये।

कैप्टन साहब दोनों लड़के श्याम किशोर रामकिशोर ने एमएसी में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की । कैप्टन साहब के दोनों लड़के श्याम किशोर और रामकिशोर डॉक्टर की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चले गए ।नरेंद्र देव भी संस्कृत विषय से एमए. प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होकर अपने गांव के पास राधा बिहारी इंटर कॉलेज मेंसंस्कृतकेअध्यापक हो गए । कैप्टन साहब को दो लड़कों की पढ़ाई कराने के लिए अपनी उपजाऊ कीमती 35 बीघा जमीन बेचने पड़ी। कैप्टन साहब के दोनों लड़केडॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद अमेरिका में अच्छे डॉक्टर बन गए ।दोनों लड़कों ने अलग-अलग अपनी क्लीनिक खोलकर डॉक्टरी करने लगे। एक दिन 70 वर्षीय कैप्टन साहब और 68 वर्षीय पंडित जी जब दोनों घनिष्ठ मित्र शतरंज का खेल खेल रहे थे ।

तो कैप्टन साहब ने मजाक करते हुए पंडितजी से बोले- तुम जिंदगी भर कथावाचक रहे ।कुछ नहीं कर सके ।लड़के को संस्कृत पढ़ाकर केवल एक अध्यापक बना सके ।एक मुझे देखो दोनों दोनों लड़कों को हम नेअमेरिका भेज कर लाखों रुपया की कमाई करने वाले अच्छे डॉक्टर बना दिए हैं। मेरे दोनों लड़कों ने अपने साथ पढ़ने वाली बहुत सुंदर लड़कियों के साथ शादी भी रचा ली है और यह तुम्हारा लड़का है जिसकी शादी जूनियर हाई स्कूल की अध्यापिका से हुई है। दोनों बिचारे जिंदगी में अब क्या कमाएंगे? जितना खाएंगे उतना ही कमाए गे। मैं अभी कहता हूं लड़के को अमेरिका भेज दो ।उसकी वहां अच्छी कमाई होगी ।कैप्टन साहब की बातों को सुनकर पंडित जी ने कोई उत्तर नहीं दिया ।शतरंज में कैप्टन साहब को मात देने के बाद पंडित जी बोले- मुझे यहां जो कुछ मिल रहा है। मैं उसी से संतुष्ट हू । लड़का सुबह शाम सामने तो आ जाता है। पढ़ी लिखी बहू सास ससुर की अच्छी सेवा करती है ।मुझे और क्या चाहिए?

समय चक्र बड़ी तेजी से घूम रहा था । दिवाली के एक दिन पहले अचानक कैप्टन साहब के दोनोंलड़के डा श्याम किशोर डा रामकिशोर अपनी अपनी मॉडर्न बहूओ के साथ मातापिता केसाथ दिवालीकात्यौहार मनाने के लिए अमेरिका से आधमके। कैप्टन साहब और उनकी पत्नी दोनों लड़कों बहुओं को देखकर बहुत खुशहुये। बड़ी धूमधाम से दिवाली का त्यौहारमनाया गया । लड़का बहू के आने की खुशी में एक दिन पूरे गांव को प्रीतिभोज भी दिया गया। कैप्टन साहब के नौकर गोधन ने दोनों लड़को दोनों बहूओ को उनके खेतों पर ले जाकर उनको खेत दिखाएं। बाग में ले जाकर बाग दिखाएं। खेती और बाग देखकर लड़का बहू में बहुत खुश हुऐ। एक कमरे में जब लड़का बहू में ताश खेल रहे थे तो छोटी बहू जेठ से बोली- पिताजी को समझा कर अगर सब खेती बेच दी जाए तो अमेरिका में हम लोग पास पास कोठिया खरीद सकते हैं और उनकोठियों अपनी क्लीनिक भी खोल सकते हैं ।

देवरानी की बात सुनकर जेठानी बोली- तुम ठीक कहती हो अमेरिका जाने की पहले पिताजी से इससंबंध में बात की जाए और उन्हें राजी करके यह जमीन बिकवा दी जाए ।दूसरे दिन जब सभी लोग मिलकर एक मेज पर भोजन कर रहे थे ।तो माता जी की ओर देखते हुए बड़ा लड़का बोला- पिताजी आप काफी वृद्ध हो चुके हैं। अब आपका यहां अकेला रहना ठीक नहीं है ।आप हम लोगों के साथ अमेरिका चलिए ।अमेरिका में रहकर अपनीवृद्धावस्थाअच्छी तरह से काटिये।छोटा लड़का बोला भाई साहब ठीक कहते हैं ।अब इस अवस्था में आपकी हम लोगों को सेवा करनी चाहिए । यहां अकेला रहना ठीक नहीं है ।गांव के लोग क्या कहते होंगे ?दोनों लड़कों केरहते हुए आप यहां अकेले हैं।कैप्टन साहबकुछ बोलतेउसके पहले उनकी पत्नी बोल पड़ी लड़केसही कहते हैं ।अब हम लोगों को यहां अकेला नहीं रहना चाहिए ।हम लोग भी लड़के बहुओं के साथ अमेरिका में रहे गे। बहुए बोल पड़ी- माताजी सही कहती है।

हम लोगों के पास रहे गी तो खुश रहेगी ।सब खेती बेच दीजिए ।अपने पास पैसा बैंक में रखकर हम लोगों के साथ रहिये। कुदरत का खेल बड़ा निराला होता है ।कैप्टन साहब को अपनी पत्नी तथा दोनों लड़कों बहुओं के कहने पर बची हुई 30 बीघा जमीन बेचनी पडी। लड़का बहुओं के साथ अमेरिका को जाने की तैयारी करनी पडी । जब कोठी बाग बिकने की बात आई तो पंडित जी ने कैप्टन साहब को एकांत में समझाते हुए कहा -पुरखों की दी हुई निशानी को मत हटाइए ।वक्त किसने देखा है? मेरी राय है बाग कोठी को मत बैचए। इस कोठी में अपने नाम से स्कूल खुलवा दीजिए। बाग में एक बहुत सुंदर मंदिर बनवा दीजिए ।लोग आप को युगो युगो तक याद करेंगे । पंडित जी की बात कैप्टन साहब को अच्छी लगी।उन्होंने लड़कों को बुलाकर कहा- मेरी इच्छा है कि कोठी में एक स्कूल खोला जाए। बाग में एक मंदिर बनवाया जाए। केवल 30 बीघा खेतीबेच दी जाएगी अब तुम लोग अपनी माताजी को लेकर जब चाहो तब चले जाना। मैं यह कुछ काम निपटाने के बाद अमेरिका आऊंगा।

दूसरे दिन माताजी को लेकर बहु बेटे अमेरिका चले गए ।अमेरिका जाकर बड़ा लड़का माता से बोला- -जो खेती के बिके हुए रुपए तुम्हारे पास हैं यह रुपए तुम्हारा खाता खोल कर उस में जमा कर देनाचाहता हूं।सब रुपया आप मुझे दे दीजिए। बड़े लड़केकीबात मानकर सभीरुपया मां ने बड़े लड़के को दे दिए । बड़े लड़के ने यह रुपया माता के नाम न जमा कर केअपने नाम जमा कर दिए । एक दिन जब सब लोग मेज के चारो ओर बैठकर खाना खा रहे थे ।तो बड़ी बहू माता से बोली- माता जी घर मेंआपअकेली रहती हैं। हम लोग अपने अपने काम पर चले जातेहै । जमाना खराब है हम लोग आप की सुरक्षा के लिए यह चाहते हैं कि कुछ दिनों के लिए आपको वृद्धा आश्रम में रखा जाए वहां बहुत से लोग आपसे बातचीत करेंगे ।

आपका मन लगेगा। हम हम लोगों को आपकी सुरक्षा की चिंता नहीं सताएगी। जब अपनी कोठी सुरक्षित स्थान पर बन जाएगी ।तब आपको बुला लिया जाएगा । सीधी-सादी माता रामकली कुछ ना बोली। लड़कों बहुओं के कहने पर चुपचाप वृद्ध आश्रम में पहुंच गई ।दोनों ने सास का मोबाइल भी ले लिया ।वृद्धा आश्रम में पहुंचकर रामकली वृद्धा आश्रम में लड़का बहुओं के ना आने के कारण बहुत परेशान रहने लगी। एक दिन रामकली जब बहुत बीमार हो गई तो वृद्धा आश्रम के मैनेजर ने उनके लड़कों को फोन किया ।लेकिन कोई नहीं आया। कैप्टन साहब जब जब अपनी पत्नी का हाल जानने के लिए लड़कों को फोन करते थे तो लड़के कह देते थे माता जी ठीक हैं ।आप चिंता मत करिए ।कैप्टन साहब ने एक दिन सपने में देखा उनकी पत्नी रामकली बहुत बीमार है और डॉक्टर ने यह कह दिया हैअब यह बचे गी नहीं। यह बुरा सपना देख कर कैप्टन साहब बहुत घबरा गए।

दूसरे दिन पंडित जी के लड़के नरेंद्र के साथ कैप्टन साहब अमेरिका पहुंच गए । जब लड़कों के पास अपनीपत्नीरामकली को नहीं पाया तो उन्होंने लड़कों से कहा '--तुम्हारी माता कहां है ?घर में दिखाई नहीं दे रही। लड़का जवाब देता लेकिन इसके पहले बड़ी बहू बोल पड़ी -पिताजी माताजी का यहां अकेले मन नहीं लगता था। इसलिए उनके कहने पर वृद्ध आश्रम में पहुंचा दिया । जिससे उनका वहां मन लग सके । कैप्टन साहब जब वृद्ध आश्रम में पहुंचे तो वृद्ध आश्रम में हलचल मची हुई थी । आश्रम के लोग कह रहे थे ।लड़के मां को यहां छोड़ गए ।देखने भी नहीं आए और देखो विचारी मर गई । वृद्धा आश्रम के मैनेजर से जब कैप्टन साहब ने वृद्ध महिला के विषय में पूछा '-तो मैनेजर ने बताया 2 डॉक्टर लड़के अपनी मां रामकली को यहां भर्ती कर गए थे । बिचारी बहुत बीमार रही ।

अपने डॉक्टर लड़कों को बहुत बुलाया लेकिन कोई लड़का नहीं आया। वह कहती थी उसके लड़के बहुत बड़े डॉक्टर हैं । जैसे ही कैप्टन साहब ने मृतक महिला केमुख से कपड़ा हटाया। देख कर रो पड़े- हाय मेरी प्यारी रामकली मुझे बिना देखे मर गई । कैप्टन साहब ने वृद्धा आश्रम के लोगों के सहयोग से पत्नी रामकली का विधि विधान से दाह संस्कार किया ।इसके बाद थाने में जाकर अपने दोनों लड़कों बहुओं के खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज की।

 जिसमें कहा --दोनों लड़के बहू ने छल कपट से गांव की 30 बीघा खेती बिकवाया और उन रूपयो के साथ मां को अमेरिका लाए। उसे वृद्ध आश्रम में छोड़ दिया।। बेचारी बिना अच्छी दवा के मर गई ।बेटा बहू के धोखाधड़ी पर कानूनी कार्रवाई की जाए। लड़कों से रुपया वसूल करके उन्हें जेल भेजा जाए। मुख्यमंत्री योगी जी की राज में लड़का बहू पर कानूनी कार्यवाही की गई। बाद में सजा भी हुई । बृज किशोर सक्सेना किशोरइटावी कचहरी रोड मैनपुरी

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