स्वास्थ्य कार्यक्रम : नींद न आना, तनाव होना, घबराहट आदि हो सकते हैं मानसिक रोग के लक्षण
अच्छी जीवनशैली अपनाकर बचा जा सकता है मानसिक अस्वस्थता से
नींद न आना, तनाव होना, घबराहट आदि हो सकते हैं मानसिक रोग के लक्षण लक्षण नजर आने पर संयुक्त जिला अस्पताल में मनोचिकित्सक से लें परामर्श : डॉ. संजीव कुमार सक्सेना
द्रौपदी जाजू इंटर कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कार्यशाला आयोजित
कासगंज । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत द्रौपदी देवी जाजू बालिका इंटर कॉलेज में शनिवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में स्कूल की छात्राओं व शिक्षक-शिक्षिकाओं को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी दी गई, साथ ही पम्पलेट वितरित कर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया।
संयुक्त जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. संजीव सक्सेना ने कहा कि भारत सरकार की ओर से टेली मानस प्रोग्राम के तहत हेल्पलाइन नंबर 1800 914 416 और 14416 जारी किया गया है l इस नम्बर पर कॉल कर कभी भी अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं।
ज़िला संयुक्त चिकित्सालय मामो में इसकी ओपीडी (मनकक्ष) कमरा नंबर 204 एवं 211 में आयोजित की जाती है। यदि मानसिक तनाव महसूस करते हैं तो मनकक्ष में आकर परामर्श ले सकते हैं। कार्यशाला में साइकेट्रिक नर्सिंग ऑफिसर अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि नींद न आना, तनाव होना, घबराहट होना,चिड़चिड़ापन एवं जीवन के प्रति निराशा, डर लगना, व्यवहार में बदलाव आना , नशे का आदी हो जाना, बेहोशी आना, सिर में भारीपन, किसी काम में मन न लगना आदि मानसिक रोग के लक्षण हो सकते हैं। ऐसा होने पर तुरंत मनोचिकित्सक से परामर्श लें।
उन्होंने कहा कि मोबाइल का अधिक प्रयोग लोगों को मानसिक रोगी बना रहा। मोबाइल का अधिक प्रयोग न करें, अपनी नियमित दिनचर्या में सुधार लाएं, समय पर भोजन करें, पर्याप्त नींद लें,व्यायाम करें। जीवन शैली में सुधार करने से मानसिक रोगों से बचा जा सकता है। साइकेट्रिक सोशल वर्कर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि मानसिक अस्वस्थता, कई तरह की मानसिक समस्याओं के कारण हो सकती है। इसकी वजह से इंसान की मनोदशा, व्यवहार और सोच पर नकारात्मक असर पड़ता है।
डिप्रेशन, चिंता, स्ट्रेस और स्किजोफ्रेनिया जैसी समस्याएं मानसिक अस्वस्थता कहलाती हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को इलाज के साथ-साथ अपनों के सहयोग की भी जरूरत होती है। कॉलेज की प्रधानचार्य गीता ने बालिकाओं को अच्छे खानपान एवं जीवन में सकारात्मक सोच को बनाए रखने की सलाह दी। इस दौरान स्कूल के अध्यापक व छात्राएं मौजूद रहीं।