बेटी संग बलात्कार के मामले में लेखपाल सहित पांच को आजीवन कारावास व जुर्माना

May 21, 2024 - 19:53
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बेटी संग बलात्कार के मामले में लेखपाल सहित पांच को आजीवन कारावास व जुर्माना
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बेटी संग बलात्कार के मामले में लेखपाल सहित पांच को आजीवन कारावास व जुर्माना

फर्रुखाबाद । फर्रुखाबाद। अपनी पुत्री के साथ वर्षों तक बलात्कार करने और दोस्तों से बलात्कार कराने के मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार प्रथम ने अपना निर्णय सुनाते हुए दोष सिद्ध पिता व उसके पांच दोस्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई व सभी के ऊपर एक एक लाख का जुर्माना लगाया।

वही पीड़ित लेखपाल बेटे की सहायकता करने वाली मां को आठ वर्ष का कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। अपने न्यायपूर्ण शैली और कड़े फैसलों देने के लिए प्रख्यात विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट का फैसला जानने के लिए लोगों को उत्सुकता बनी हुई थी। अधिवक्ताओं व अन्य सम्बंधित लोगों में फैसला सुना और उसे सही करार दिया।

न्यायाधीश के अनुसार अपराध ही ऐसा किया गया जिसमें कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जानी चाहिए और वही किया गया। दोष सिद्ध लेखपाल प्रवेश तोमर, मनोज शाक्य, विमल कुमार, सोनू तिवारी उर्फ रतनेश तिवारी, विष्णु शरण रस्तोगी को पाक्सो एक्ट में दोष सिद्ध करार दिया और सभी पर एक एक लाख रूपये का जुर्माना व आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोष सिद्ध प्रवेश तोमर की मां राधा देवी को धारा 313 के अन्तर्गत आठ वर्ष का कारावास और 50 हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया गया।

जुर्माना अदा न करने की स्थिति में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास बेटे का समर्थन करने वाली मां को आठ वर्ष की जेल भुगतना पडेगा। न्यायाधीश ने कहा कि सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी और दोष सिद्ध अपराधियों द्वारा जेल में बिताई गई अवधि इसमें समायोजित की जायेगी। न्यायाधीश ने कहा कि साक्ष्यों के आभाव में लालू उर्फ सुरजीत पुत्र रमेश चन्द्र व राहुल उर्फ कुन्ती को दोष मुक्त कर दिया गया है।

दोनों पक्षों की बात सुनी गई। पीडिता की मां ने अभियोग दर्ज कराया था। वादी पक्ष की ओर से हरिनाथ सिंह, विकास कटियार व प्रदीप सिंह ने दलीलें पेश की। उनकी दलीलों के आगे बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें काम नहीं आई। न्यायाधीश ने कहा कि पीड़िता को लगाये गये जुर्माने में से नियमानुसार धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।