शहर के चारों ओर लगे कूड़े के ढेर,कबाड़ बना एमआरएफ सेंटर
शहर के चारों ओर लगे कूड़े के ढेर,कबाड़ बना एमआरएफ सेंटर
शहर के चारों ओर लगे कूड़े के ढेर दे रहे बीमारियों की सौगात,नगर बासियों में आक्रोश व्याप्त
फर्रुखाबाद। नगर पंचायत शमशाबाद क्षेत्र में शहर के चारों तरफ कूड़े के ढेर लगाए गए हैं जिससे आम जनमानस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और संक्रमित बीमारियों के फैलने की आशंका है तथा रास्तों से गुजरने वाले नगर पंचायत वासियों ब ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है,जबकि नगर पंचायत में डेढ़ करोड़ की लागत से बना एमआरएफ सेंटर कबाड़ बना हुआ है।
एमआरएफ सेंटर में तैनात कर्मचारियों को लगातार मानदेय भुगतान किया जा रहा है तथा सरकारी राजस्व को लगातार चूना लगाया जा रहा है जिसमें नगर पंचायत के लिपिक पवन कुमार,नगर पंचायत अध्यक्ष जोया शाह ब अधिशाषी अधिकारी राजीव कुमार की मुख्य भूमिका नजर आ रही है, सबसे बड़ी बात यह है कि अगर एमआरएफ सेंटर चालू है तो शहर के चारों तरफ सड़कों पर यह कूड़ा किसने डलवाया है,और क्यों,और इसे लाया कहां से गया है।
सरकार द्वारा नगर पंचायतों को गंदगी मुक्त करने के उद्देश्य से ही डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर एमआरएफ सेन्टर का निर्माण करवाया गया है,एमआरएफ सेंटर का निर्माण ही इसलिए किया गया है जिससे नगर के कूड़े कचरे को गला कर उससे खाद बनाई जा सके,जिससे नगर पंचायत का राजस्व बढ़ाया जा सके और शहर को गंदगी मुक्त किया जा सके,लेकिन ऐसा हुआ नहीं,वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष जोया शाह द्वारा खोखले दावे किए जा रहे हैं कि शहर को गंदगी मुक्त कर दिया गया है।
लेकिन यह असल हकीकत नहीं है शहर को चारों तरफ से गंदगी से घेर दिया गया है शहर के चारों तरफ ऊंचे ऊंचे गंदगी के ढेर नगर पंचायत द्वारा लगाए गए हैं जिससे संक्रमित बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है, एमआरएफ सेन्टर पर तैनात कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है,और नगर पंचायत द्वारा उसका भुगतान भी किया जा रहा है, जब एमआरएफ सेंटर ही बंद पड़ा हुआ है तो कर्मचारियों को किस बात का मानदेय दिया जा रहा है।