अति सौंदर्य दुख का कारण

Apr 29, 2024 - 16:54
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अति सौंदर्य दुख का कारण
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अति सौंदर्य दुख का कारण

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टीकमगढ़ अजमेर शहर में कैप्टन बलदेव सिंह के 28 वर्षीय पुत्र बैंक मैनेजर सहदेव सिंह से बुद्ध नगर शहर के डॉक्टर सत्यदेव की 25 वर्षीय पुत्री डॉक्टर कल्पना से जब शादी हुई तो टीकमगढ़ अजमेर शहर के रघुवीर पुरी मोहल्ला में कैप्टन बलदेव सिंह की बहू को लेकर घर-घर में इस बात की चर्चा होने लगी कि अब तो कैप्टन बलदेव सिंह की डॉक्टर बहू आ गई है ।

अब तो मोहल्ले वाले किसी को बाहर इलाज कराने के लिए नहीं जाना पड़ेगा ।क्योंकि कैप्टन साहब जितने मिलनसार परोपकारी जीव है उनकीआई हुई वहू भी उतनी ही मिलनसार दयालु अच्छे स्वभाव सेवा भाव की है । क्योंकि मुंह दिखाई के समय सभी बुजुर्गों के उसने पैर छुए हैं और हर एक को मान सम्मान दिया है । इतनी पढ़ी-लिखी अमेरिका से डॉक्टर के डिग्री लेने अच्छे सर्जन होने के बाद भी बहू मैं कोई भी मान गुमान अभिमान नहीं है ।

जो भी आता उससे हंसकर मुस्कुराकर बात करनी ।उसके इस स्वभाव से मोहल्ला वासी डॉक्टर कल्पना से बहुत खुश रहते थे । कभी-कभी मोहल्ला वाले आकर डॉक्टर कल्पना से अपनी दवाई भी लिखा ले जाते और कभी-कभी दवाई भी ले जाते थे ।कल्पना के इलाज से बहुत से लोग अच्छे होने लगे थे। डॉक्टर बहू कल्पना के इस आचरण से सास रामदेवी ससुर बलदेव दोनों प्राणी बहुत खुश रहते थे । डॉक्टर कल्पना के सेवा भाव को देखकर ससुर बलदेव ने बहू की चिकित्सा प्रैक्टिस करने के लिए कोठी का जो बहुत बड़ा हाल था ।

उसमे कल्पना को बैठने कुर्सी मेज अलमारी तथा मरीजों के लिए पलंग की व्यवस्था कर दी थी और अब कल्पना आए हुए मरीजों की अच्छी तरह से चिकित्सा करने लगी थी ।इस से कल्पना की ख्याति शहर के माने हुए डॉक्टरों मे होने लगी थी। डॉ कल्पना आए हुए मरीजों से कोई फीस नहीं ली थी ।गरीब मरीजों को अपने पास से भी दबा दे देती थी ।इसलिए उसके क्लीनिक पर मरीजों की आए दिन बहुत भीडबढ़ने लगी थी। डॉ कल्पना केइस सेवा भाव से डॉ कल्पना के ससुर बलदेव सिंह को पूरा शहर जाने लगा और आने वाले चुनाव में कैप्टन बलदेव सिंह को जनता ने अपनी नगर पालिका का चेयरमैन चुन लिया।

डॉ कल्पना की भावनाओं के अनुसार ससुर बलदेव सिंह भी जनता के सेवा में तन मन धन से लग गए और जो भी सरकारी पैसा पालिका को मिलता था वह सब पैसा जनता की भलाई के लिए नगरपालिका के विकास कार्यों में लगा देते थे ।डॉक्टर कल्पना और उनके ससुर कैप्टन बलदेव सिंह की ख्याति जनता में बहुत लोकप्रिय हो गई थी। जनता तथा धनाढ्य लोगों के सहयोग से शहर में गरीब चिकित्सालय भवन का निर्माण हो गया ।

अस्पताल में मरीजों के चिकित्सा के लिए 50 पलंग एक्स रे मशीन ऑपरेशन करने के औजार अच्छी दबाव की व्यवस्था भी हो गई थी ।सेवा भाव के कम सैलरी पर तीन युवा शक्ल सूरत सुंदर कुशल डॉक्टर भी इस अस्पताल में आ गए थे ।जिनके बीच में रहकर डॉक्टर कल्पना मरीजों की अच्छी देखभाल चिकित्सा दे रही थी और अस्पताल आए दिन उन्नति के शिखर पर पहुंच रहा था । अस्पताल की उन्नति देखकर धनाढ्य वर्ग के लोग अस्पताल की हर प्रकार से आर्थिक सहायता कर रहे थे। गरीब अस्पताल नामक का अस्पताल शहर का प्रमुख अस्पताल हो गया था।

कहते हैं नारी की सुंदरता कभी-कभी उसके लिए सिरदर्द श्राप बन जाती है। कल्पना जितनी स्वभाव आचरण मिलनसार मृदुभाषी थी इतनी ही रंग रूप से बहुत सुंदर थी ।कल्पना का गठीला गोरा बदन उसकी कटीली आंखें ,गुलाबी सुर्ख गाल ,रसीले होठों की बनावट जो भी देखता कल्पना को देखता रह जाता जाता था और उसके रंग रूप पर मोहित हो जाता था। जब कल्पना की शादी इंजीनियर सहदेव सिंह से हुई थी तो सहदेव सिंह कल्पना के रूप रंग को देखकर इतना मोहित हो गया था। उसे एक पल भी नहीं छोड़ना चाहता था ।

इसीलिए वह जब जब शहर से छुट्टी में आता था तो कल्पना को डॉक्टरी छुड़वाने की बात करता रहताथा और अपने साथ शहर में ले जाने की बात करता रहता था। पत्नी और पिता के समझाने पर विवश होकर शहर लौट जाता था ।फिर भी वह हर महीने शनिवार रविवार की छुट्टी में अपनी पत्नी कल्पना के पास आता जाता रहता था और अपनी शारीरिक भूख मिटाने के लिए डॉ कल्पना को 2 दिन अस्पताल के कार्यों को नहीं करने देता था । कल्पना भी पति के सेक्सी स्वभाव से बहुत दुखी रहा करती थी। लेकिन फिर भी किसी प्रकार से अपना दांपत्य जीवन गुजार रही थी ।

कल्पना के दो बच्चे भी हो गए थे ।एक सुंदर सी लड़की और एक गोरा सुंदर सा लड़का भी हो गया था। कल्पना के बच्चों को देखकर कल्पना के ससुर बलदेव सिंह काफी खुश रहा करते थे और बहू की हर समय हर एक व्यक्ति से प्रशंसा करते रहते थे। इंजीनियर सहदेव के सेक्सी स्वभाव के कारण उसकी अपने कार्यालय में काम करने वाली एक महिला क्लर्क से शारीरिक संबंध स्थापित हो गए और सहदेव ने अपने माता-पिता को बिना बताए उस महिला से आर्य समाज की धार्मिक रीति रिवाज से शादी भी कर ली। जब तीन चार महीना सहदेव शनिवार रविवार की छुट्टियों में जब घर नहीं आया तो घरवालों को चिंता हुई ।

शहर जाकर जब बूढ़े पिता ने अपने पुत्र सहदेव की अपने कार्यालय की युवती से शादी करने की जब बात पता चली ।सहदेव के बूढ़े बाप ने इंजीनियर सहदेव को बहुत फटकारा और बुरा भला कहा ।जब यह बात इंजीनियर सहदेव के उच्च अधिकारियों को पता चली की सहदेव ने एक पत्नी के होते हुए भी दूसरी औरतों से शादी कर ली है ।तो इंजीनियर सहदेव को उच्च अधिकारी ने नौकरी से निलंबित कर दिया। इंजीनियर सहदेव जब नौकरी से निलंबित हो गया तो जिस औरत के साथ उसने शादी की थी वह भी औरत उसे छोड़ कर तब अलग रहने लगी ।

उस औरत ने विभाग के उच्च अधिकारियों को यह लिखकर दे दिया इंजीनियर सहदेव ने नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी देकर उससे यौन संबंध जोड़े और उसने मजबूरी में आकर सहदेव से शादी की थी ।औरत के इस लिखित बयान पर सहदेव को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। समय का खेल बड़ा अजीब होता है। जो सुखदेव कल तक सुख की जिंदगी जी रहा था। आज समय ने उसे मजबूर करके अपने बूढ़े बाप के पास जाने लिए मजबूर कर दिया और सहदेव को पिता के पास आना पड़ा । किए हुए कार्यों की क्षमा याचना करनी पड़ी।

जब सुखदेव घर आया तो बूढ़े पिता कैप्टन बलदेव सिंह ने उसे घर में नहीं घुसने दिया। पत्नी डॉक्टर कल्पना ने ससुर को समझा-बुझाकर सुखदेव को घर के अंदर बुला लिया। सुखदेव ने अपने के कार्यों पर प्रायश्चित करते हुए माता पिता तथा पत्नी से क्षमा याचना की ।पत्नी ने रात के समय अपने पति से दूसरी शादी करने के विषय में जब पूछा तो सहदेव ने -पत्नी को यह बताया कि तुम्हारे रूप सुंदर को देखकरमै हमेशा तुम पर मोहित रहा। लेकिन जब तुम्हारे साथ दो डॉक्टरों को काम करते देखा तो मुझे तुम्हारे चरित्र कुछ शक हो गया था ।

इसी शक की वजह से तुमसे मिलना जुलना बंद कर दिया था और मैंने दूसरी शादी कर ली थी । कल्पना हंसी और मुस्कुराते हुए कहा की नारी का कभी-कभी बहुत सुंदर होना भी नारी के लिए श्राप बन जाता है। बहुत सुंदर नारी जब किसी से हंसकर बोल देती है तो पुरुष उसका गलत अर्थ लगाता है ।जब पति उस सुंदर औरत को किसी आदमी से बात करते देखता है तो वही अपनी औरत पर चरित्रहीन होने का शक करने लगता है।

कल्पना हंसी और बोली मैं तन मन से पवित्र होने के बाद भी अपनी सुंदरता के कारण तुम्हारी निगाह में चरित्रहीन हो गई थी और तुमने भी शक के आधार पर मुझ से दूरी बनाने के लिए दूसरी शादी कर ली थी ।सहदेव भी अपनी भूल पर प्रायश्चित करते हुए बोला -पुरुष को भी अधिक सेक्सी स्वभाव का नहीं होना चाहिए था ।सेक्सी पुरुष गलत रास्ते पर भटक जाता है। अब कल्पना मुझे क्षमा कर देना ।सादा जीवन उच्च विचार ही मनुष्य के जीने का सबसे अच्छा आधार है । तुम्हारे साथ रहकर तुम्हारे साथ काम करूंगा ।तुम पर कभी भी शक नहीं करूंगा। पत्नी के अति सुंदर होना पति के शकी स्वभाव के कारण कभी-कभी दुख का कारण बनता है। बृज किशोर सक्सेना किशोर इटावी कचहरी रोड मैनपुरी

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