मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने में मीडिया और धर्म गुरुओं की अहम भूमिका-सीएमओ

Aug 1, 2023 - 15:58
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मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने में मीडिया और धर्म गुरुओं की अहम भूमिका-सीएमओ
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मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने में मीडिया और धर्म गुरुओं की अहम भूमिका-सीएमओ

 सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 को सफल बनाने के लिए धर्म गुरुओं व मीडिया कर्मियों की बैठक आयोजित

नियमित टीकाकरण 12 जानलेवा बीमारियों से करता है बचाव : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी

 कासगंज । जिले में प्रस्तावित मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडिया और धर्मगुरुओं के सहयोग की अहम भूमिका होगी । यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजीव कुमार अग्रवाल ने कहीं हैं। उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य से सहयोगी संस्थाओं के सहयोग लेकर नियमित टीकाकरण सम्बन्धित जिला स्तरीय कार्यशाला उनके कार्यालय में आयोजित की गयी । इसमें मीडिया और धर्मगुरुओं को बताया गया कि नियमित टीकाकरण बारह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है ।

इस संदेश को जन जन तक पहुंचाने की जरूरत है। कार्यशाला में के दौरान क्षय रोग, हेपेटाइटिस, पोलियो, निमोनिया, काली खाँसी, गलघोंटू, दस्त,खसरा, रतौंधी, हीमोफिलिसइंफ़्लूएंजे टाइप बी, और टिटनेस जैसी बीमारियों से बचाव में नियमित टीकाकरण की महत्ता के बारे में विस्तार से बताया गया । सीएमओ डॉ. राजीव कुमार अग्रवाल ने बताया कि मिशन इंद्र धनुष 5.0 के तहत 1312 टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसमें 3238 छूटे हुए बच्चे व 3569 गर्भवती का टीकाकरण किया जाएगा।

नियमित टीकाकरण से कोई परेशानी नहीं होती है। यह बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, एवं जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है। उन्होंने मीडिया कर्मियों व धर्मगुरुओ से अपील की है कि छूटे हुए व उदासीन परिवारों के 1655 बच्चों के टीकाकरण में प्रचार प्रसार के जरिये सहयोग करें। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि सघन मिशन इंद्र धनुष 5.0 तीन चरणों में चलाया जाएगा |

पहला चरण 7 अगस्त से 12 अगस्त तक, द्वितीय चरण 11 से 16 सितम्बर तक और तृतीय चरण 9 से 14 अक्टूबर तक चलेगा। उन्होंने नियमित टीकाकरण के तहत दी जाने वाली वैक्सीन और टीकाकारण के समय दिये जा रहे चार मुख्य सन्देशों के बारे में भी अवगत कराया। डीआईओ ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद या 24 घंटे के अंदर बीसीजी, ओपीवी और हेपेटाइटिस से बचाव के टीके लगाए जाते हैं,और यदि किसी कारणवश टीका नहीं लग पाता है तो ओपीवी की पहली खुराक एक माह तक दी जा सकती हैं। बीसीजी का टीका एक साल के अंदर लगवा सकते हैं।

 ओपीवी, पेंटा, रोटावायरस, पीसीवी, आईपीवी, के टीके डेढ़ माह, ढ़ाई माह, और साढ़े तीन माह में लगते है। एमआर व विटामिन ए की खुराक जन्म के नौ माह पर दिये जाते हैं। उन्होंने बताया कि बीसीजी का टीका क्षय रोग, हेपाटाइटिस, पोलियो, निमोनिया, काली खाँसी गलघोंटू, खसरा, रतौंधी की बीमारी से बचाता है। इस मौके पर डब्ल्यूएचओ संस्था के एसआरटीएल डॉ विकास गुप्ता,डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ वीपी सिंह,यूनिसेफ संस्था के प्रतिनिधि राजीव चौहान,अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर मुहम्मद यूसुफ, कोल्ड चैन मेनेजर हसरत अली,कोल्ड चैन टेक्नीशियन तनवीर खान और डेटा हैंडलर अमित कुमार शर्मा प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।