World Rabies Day 2023 : सिर्फ कुत्तो के काटने से नहीं फैलता रेबीज रोग ये जानवर भी फैलाते है संक्रमण

World Rabies Day 2023 : सिर्फ कुत्तो के काटने से नहीं फैलता रेबीज रोग ये जानवर भी फैलाते है संक्रमण

Sep 28, 2023 - 10:10
 0  19
World Rabies Day 2023 : सिर्फ कुत्तो के काटने से नहीं फैलता रेबीज रोग ये जानवर भी फैलाते है संक्रमण
Follow:

World Rabies Day 2023: विश्व रेबीज दिवस हर साल 28 सितंबर को मनाया जाता है। विश्व रेबीज दिवस लोगों में रेबीज संक्रमण के बारे में जागरूकता फैलाने और दुनिया भर में इसकी रोकथाम और नियंत्रण प्रयासों को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। रेबीज संक्रमण के बारे में ज्यादातर लोगों को यह गलतफहमी है कि यह वायरस कुत्ते के काटने से ही इंसानों में फैलता है। लेकिन यह वैसा नहीं है। क्या आप जानते हैं कि रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से ही नहीं बल्कि कई अन्य जानवरों के काटने से भी फैल सकता है। आइए जानते हैं क्या है रेबीज बीमारी और किन जानवरों के काटने से फैल सकती है रेबीज बीमारी।

WHO के मुताबिक, एशिया और अफ्रीका में इस जूनोटिक बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा है। भारत में रेबीज के सबसे ज्यादा मामले हैं। विश्व में रेबीज के 36 प्रतिशत मामले भारत में हैं।

रेबीज रोग क्या है?

WHO के अनुसार लासा वायरस से संक्रमित जानवर के काटने से व्यक्ति को रेबीज रोग हो जाता है। यह वायरस इंसानों के तंत्रिका तंत्र तक पहुंच सकता है और पीड़ित के मस्तिष्क में सूजन पैदा कर उसे कोमा में भेज सकता है।

सही समय पर पीड़ित को इलाज न मिलने पर उसकी मृत्यु भी हो सकती है।

कुत्तों के अलावा ये जानवर भी बनते हैं रेबीज रोग का कारण-

रेबीज एक जूनोटिक बीमारी है, जो संक्रमित बिल्लियों, आवारा कुत्ते, लोमड़ी, चमगादड़ और बंदरों के काटने से भी इंसान में फैल सकती है। इसके अलावा कई बार रेबीज पालतू जानवर के चाटने या खून का जानवर के लार से सीधे संपर्क से भी हो जाता है।

रेबीज रोग के लक्षण-

– बुखार

-चिंता और व्याकुलता

– खाना-पीना निगलने में कठिनाई

-बहुत अधिक लार निकलना

– सिरदर्द

-घबराहट या बेचैनी

– व्यवहार में परिवर्तन आना।

– बिना बात के उत्तेजित होना ।

– पानी से डर लगने लगता है।

– कुछ लोगों को पैरालिसिस (लकवा) होने कि संभावना।

कितने दिन में नजर आने लगते हैं रेबीज रोग के लक्षण-

रेबीज से संक्रमित होने पर उसके लक्षण सप्ताह भर बाद से लेकर कई सालों बाद तक उभर सकते हैं। जबकि ज्यादातर लोगों में रेबीज के लक्षण सामने आने में चार से आठ हफ्ते तक का समय लग जाता है।

रेबीज से बचने के लिए क्या करें-

-जानवर के काटने पर काटे गए स्थान को तुरंत पानी और साबुन से अच्छी तरह धो लें।

-चोट वाली जगह पर टिंचर लगाएं। ऐसा करने से जानवर की लार में पाए जाने वाले कीटाणु सिरोटाइपवन लायसावायरस की ग्यालकोप्रोटिन की परतें घुल जाती हैं और यह रोग काफी हद तक कम प्रभावी हो जाती है, जो रोगी के बचाव में सहायक रहता है।

-रेबीज के उपचार के दौरान किसी भी तरह के नशे को करने से बचें। -जख्म पर टांके न लगवाएं।

– पालतू कुत्तों का वैक्सीनेशन जरुर करवाएं।

-जानवर के काटने के तुरंत बाद डॉक्टर से पूछकर रोगी को एंटी रेबीज का इन्जेक्शन लगवाएं। क्योंकि एक बार इस रोग के लक्षण पैदा हो जाने पर इसका कोई सफल इलाज नहीं है।

– डॉक्टर की सलाह लेकर काटे गए स्थान का उचित इलाज करवाएं।