मुख्यमंत्री का ऊर्जा विभाग को कड़ा संदेश: ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग बर्दाश्त नहीं

मुख्यमंत्री का ऊर्जा विभाग को कड़ा संदेश: ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग बर्दाश्त नहीं
■ अजय किशोर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में बिजली व्यवस्था को जनता के भरोसे और शासन की संवेदनशीलता का पैमाना बताया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जाएगी और इनमें तत्काल सुधार लाना होगा। मुख्यमंत्री ने ट्रिपिंग की लगातार शिकायतों पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रत्येक फीडर की तकनीकी जांच और कमजोर स्थानों की पहचान कर तुरंत सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने और फील्ड से मिलने वाली शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को मजबूत करने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं है, और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिलिंग व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने हर उपभोक्ता को समय पर सटीक बिल मिलने की बात कही और फॉल्स या ओवरबिलिंग की शिकायतों को जनविश्वास तोड़ने वाला बताया। उन्हें बताया गया कि 31 लाख उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से जोड़े जा चुके हैं। उन्होंने तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों (लाइन लॉस) को चरणबद्ध तरीके से कम करने का लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जून 2025 में उत्तर प्रदेश ने रिकॉर्ड 31,486 मेगावाट की अधिकतम बिजली मांग सफलतापूर्वक पूरी की। इस अवधि में 16,930 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई। शहरी क्षेत्रों में औसतन 24 घंटे, तहसील स्तर पर 21.5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली उपलब्ध कराई गई।
राज्य की कुल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 11,595 मेगावाट है, जो नई परियोजनाओं के पूरा होने के बाद अगले दो वर्षों में 16,000 मेगावाट से अधिक हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं की सतत निगरानी का भी निर्देश दिया। कृषि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को लेकर, मुख्यमंत्री ने कृषि फीडरों के तेजी से पृथक्करण और किसानों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना से जोड़ने के निर्देश दिए, ताकि सभी ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जा सके। उन्होंने अंत में कहा कि बिजली व्यवस्था केवल तकनीकी विषय नहीं, बल्कि जन अपेक्षा और शासन की प्रतिबद्धता का दर्पण है।