तेज तर्रार डिप्टी एसपी श्रेष्ठा ठाकुर, फ्रॉड पति के खिलाफ दर्ज कराया केस
उत्तर प्रदेश की तेज तर्रार महिला अफसर श्रेष्ठा ठाकुर के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
मेट्रोमोनियल साइट के जरिए फर्जी आईआरएस अधिकारी बनकर शादी करने और लाखों की धोखाधड़ी करने का खुलासा खुद डिप्टी एसपी श्रेष्ठा ठाकुर ने किया है। श्रेष्ठा ठाकुर को लेडी जनता लेडी सिंघम भी बुलाती है। 2012 बैच की पीसीएस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर इस वक्त यूपी के शामली में तैनात हैं। क्या है पूरा मामला?
श्रेष्ठा ठाकुर की मुलाकात मेट्रोमोनियल साइट पर रोहित राज नाम के आईआरएस से हुई। उसने खुद को 2008 बैच का आईआरएस अधिकारी बताया था और रांची में डिप्टी कमिश्नर पद पर अपनी तैनाती बताई थी। महिला पुलिस अधिकारी के परिजनों ने आरोपी ठग के बारे में जांच पड़ताल भी की थी।
साल 2008 में रोहित राज नामक एक शख्स सच में आईआरएस के लिए सिलेक्ट हुआ था। उसकी तैनाती रांची में बतौर डिप्टी कमिश्नर सही पाई गई थी। कैसे हुए खेल? साल 2008 में रोहित राज नामक एक शख्स सच में आईआरएस के लिए सिलेक्ट हुआ था। उसकी तैनाती रांची में बतौर डिप्टी कमिश्नर सही पाई गई थी।
दरअसल ये सबकुछ मिलते-जुलते नाम की वजह से हुआ था, जिसके जरिए आरोपी ने श्रेष्ठा ठाकुर के साथ धोखाधड़ी की थी। जानकारी सही मिलने पर रोहित और श्रेष्ठा की शादी हो गई थी। लेकिन शादी के बाद जब सच सामने आया तो महिला पुलिस अधिकारी सन्न रह गई।
उन्हें पता चल गया कि उनका पति कोई आईआरएस अधिकारी नहीं है, लेकिन शादी को बचाए रखने के लिए उन्होंने इस कड़वे घूंट को पीने का प्रयास किया था। लेकिन उनके पति की धोखाधड़ी की आदत बढ़ती गई। उन्होंने धोखेबाज से तलाक ले लिया। वो उनके नाम पर दूसरे लोगों से भी ठगी करने लगा।
इससे तंग आकर डिप्टी एसपी ने गाजियाबाद के कौशांबी थाने में पूर्व पति के खिलाफ केस दर्ज कराया है। हरकतों से बाज नहीं आया पति रोहित राज महिला पुलिस अधिकारी के तैनाती वाले जिलों में जाकर उनके नाम पर ठगी करने लगा। फिलहाल वो गाजियाबाद के कौशांबी थाना क्षेत्र में आकर रह रहा है।
उसके द्वारा लोगों से ठगी करने की शिकायत लगातार मिलने लगी, तो परेशान होकर श्रेष्ठा ठाकुर ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच की जा रही है। इसमें पैसों के धोखाधड़ी की बात भी सामने आई है।
आरोपी ने महिला पुलिस अधिकारी से लाखों रुपए ठगे हैं। मनचलों को सबक सीखाने के लिए पुलिस अफसर बनी लेडी सिंघम बताते चलें कि पीपीएस अफसर श्रेष्ठा ठाकुर वर्तमान में शामली जिले में तैनात हैं। उनके पुलिस अफसर बनने की कहानी बहुत दिलचस्प है। बकौल श्रेष्ठा वो कानपुर में पढ़ाई करतीं थीं। उस समय मनचले बदमाश लड़कियों से अक्सर छेड़छाड़ करते थे।
ऐसी घटना कई लड़कियों के साथ हुई। उस समय श्रेष्ठा ने पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया था। इसके बाद उन्होंने ठान लिया था कि वो खुद पुलिस अफसर बनेंगी। उनके परिवार ने उनका पूरा सपोर्ट किया। इसकी वजह से वो साल 2012 में यूपी पीसीएस परीक्षा में सफल हुईं। इसके बाद डीएसपी बन गई। उनको उत्तर प्रदेश के चर्चित पुलिस अफसरो में गिना जाता है, जो कि तेज तर्रार हैं।
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