जटाएं खीचीं, निर्वस्त्र कर साधुओं को डंडों से पीटा. BJP का दावा
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में साधुओं के साथ मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है।
ये दावा बीजेपी ने किया है। बीजेपी ने इस घटना को महाराष्ट्र के पालघर जैसा बताया है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि बंगाल में अब पालघर जैसी घटना सामने आई है।
मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने निर्वस्त्र कर पीटा है। साथ ही उन्होंने बंगाल की सीएम को निशाने पर लेते हुए लिखा कि ममता बनर्जी के राज में शाहजहां शेख जैसे आतंकियों को संरक्षण मिलता है। बंगाल में साधुओं की खुलेआम हत्या का प्रयास किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में हिंदू होना ही अपराध है. इस वीडियो को लेकर लोगों ने एक बार फिर ममता सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
रहम की भीख मांग रहा साधू - बीजेपी नेता जो वीडियो शेयर किया है. उसमें साफ दिख रहा है कि आक्रोशित भीड़ भगवा कपड़े पहने एक साधू के बाल पकड़कर खींच रही है. साधू को निर्वस्त्र कर डंडों से पीटा जा रहा है। साधु अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहा है. साथ ही वह रहम की भीख भी मांग रहा है. इसके बावजूद आक्रोशित भीड़ उसे लगातार पीटती रहती है। पीड़ित साधू के साथ एक और शख्श भगवा कपड़े पहने हुए वीडियो में दिख रहा है. साधुओं के पीटे जाने के और कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।
मार खाना ही उनकी किस्मत में- पीड़ित साधू पीड़ित साधुओं ने पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं किया है. वे पुलिस में केस दर्ज कर किसी समस्या में नहीं पड़ना चाहते हैं. साधुओं ने कहा कि उन्हें लगता है कि मार खाना ही उनके भाग्य में लिखा है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस वीडियो को लेकर पुलिस की ओर से अभी कोई बयान सामने नहीं आया है।
साधुओं के साथ हुई मॉब लिंचिंग को लेकर बीजेपी ने सीधे तौर पर ममता सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी ने इस घटना को महाराष्ट्र के पालघर से जोड़कर बताया है।
ये है पालघर का मामला - बता दें कि 16 अप्रैल, 2020 को 72 साल के संत महाराज कल्पवृक्ष गिरी और 35 साल के सुशील गिरी महाराज के साथ एक कार ड्राइवर की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. दोनों साधू अपने गुरु के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए मुंबई से सूरत जा रहे थे. दोनों ही साधुओं पर कार ड्राइवर पर बच्चा चोरी करने का आरोप लगाकर भीड़ ने हत्या की थी।