धनतेरस धनतेरस के पावन पर्व पर आप सबको अनन्त अनन्त शुभकामनाएं
धनतेरस धनतेरस के पावन पर्व पर आप सबको अनन्त अनन्त शुभकामनाएं -
धनतेरस का भगवान महावीर के जीवन से भी सम्बन्ध हैं । भगवान महावीर ने कार्तिक वदी ( कृष्ण पक्ष ) तेरस को आखिरी बार उपवास शुरू किया था और बेले के वाद उनका निर्वाण हुआ ।कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी की रात्रि मेंअनशन के साथ उन्होने अपना अन्तिम उपदेश दिया जिसे आत्मसात कर भक्तों ने अपना जीवन धन्य किया अत: यह धन्य त्रयोदशी अर्थात धनतेरस के रूप में मनाई जाने लगी।
जीवन दो प्रकार का है भौतिक जीवन और आध्यात्मिक जीवन।भौतिक ऐश्वर्य को कुछ व्यक्ति सच्ची सफलता मानते हैं परन्तु यही सब कुछ नहीं है क्योंकि जब एक इच्छा पूरी हो जाती है तो दूसरी आकांक्षा उत्पन्न हो जाती है और जीवन स्थिर नहीं हो पाता हैं । जीवन में कष्ट,भय, चिंताएं और शोकाग्नि,जरा- मरण का दुख और व्याधि आदि का निरंतर चक्र चलता रहता हैं |
आदिकाल से धन ( संपदा) के अनेक रूप रहे है । अलग अलग काल मे धन का रूपांतरण होता रहा है । एक समय मे धर्म और मन वचन काया को धन प्रधान माना गया । एक समय मे अस्त्र शस्त्र, धातु, को धन माना गया । एक समय मे कृषि, अनाज एवं पालतु पशु को धन माना गया । कुछ अर्से पूर्व निरोगी काया को धन माना गया । और करीब करीब 100- 150 वर्ष पूर्व से Barter system (वस्तुविनिमय) के स्थान पर रुपयों का चलन शुरू हुआ तब से अब तक धन के रूप चल अचल सम्पति ( जमीन जायदाद, सोना चांदी, और सिक्को आदि ) को धन प्रधान माना गया ।
धन तेरस पर हमको चयन करना है कि हमारे लिये धन कौनसा है- धर्म, निरोगी काया, अनाज, स्वास्थ्य, मन वचन काया या पैसा ? जबकि आध्यात्मिक जीवन ही शाश्वत शांति, परमानंद, अन्नत- संतोष और अमरत्व ला सकता है। भौतिक क्षेत्र का जीवन ब्रह्म में शाश्वत जीवन की प्राप्ति के लिए एक प्रष्ठभूमि है। संसार में रहो पर उससे बाहर भी | मानव शरीर हमें इसीलिए मिला है कि स्वार्थ, काम, क्रोध, लोभ, घृणा और ईर्ष्यादि आदि का हम परित्याग कर दिव्य जीवन व्यतीत करें। जीवन में यही वास्तविक धन है और यही हमारा उद्देश्य होना चाहिए। प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़)
What's Your Reaction?
![like](https://suragbureau.com/assets/img/reactions/like.png)
![dislike](https://suragbureau.com/assets/img/reactions/dislike.png)
![love](https://suragbureau.com/assets/img/reactions/love.png)
![funny](https://suragbureau.com/assets/img/reactions/funny.png)
![angry](https://suragbureau.com/assets/img/reactions/angry.png)
![sad](https://suragbureau.com/assets/img/reactions/sad.png)
![wow](https://suragbureau.com/assets/img/reactions/wow.png)