आत्मविश्वास से बदल जाता है नजरिया
आत्मविश्वास से बदल जाता है नजरिया
मैंने मेरे जीवन में भी अनुभव किया की हम आत्मविश्वास से सामने वाले का नजरिया बदल सकते है । कहते हैं कि आत्मविश्वास में वह ताकत होती है जो असम्भव को सम्भव बना देती है । ज़िंदगी हो ऐसी की सफलता क़दम चुमें ।
हमारी सोच हमारे अपने ज्ञान पर निर्भर हो। जीवन में अपेक्षा हमेशा दुःख देती हैं इसलिए जैसा हम सोचेंगे वैसा पाएँगे वास्तविकता को कर स्वीकार नकारात्मकता को रोके तो हर परिस्थिति में आनंद आनंद अपार होगा । सकारात्मक विचार ऊर्जा से भरे होंगे । बीते कल का अफ़सोस,वर्तमान की चिंता,आनेवाला कल कैसा ।इस बात का अफ़सोस नही तो कभी आत्मविश्वास नही डगमग़ायेग़ा।
समय की परिवर्तनशीलता को स्वीकारने से यह ज़िंदगी बहुत ख़ुशनुमा बनती है । हौसलों की बुलंदियों के साथ आत्मविश्वास के पंख लगा लक्ष्य को पाने के जुनून को लिए जब हम मंजिल की ओर कदम बढ़ाते हैं तो सफलता स्वयं आगे बढ़कर गले लगाती हैं। और यही ख़ुशी अत्यंत प्रसन्नता लेकर आती हैं।
शाॅर्टकट तो राह में कटी हुई टहनियों की तरह हैं जो थोड़ी बहुत छाँव देती है पर हद से ज़्यादा घाव देती है।इसलिए हम काम इतनी शांति और संतुष्टि से करे कि सफलता शोर मचा दे । जो जैसा सोचता है वह वैसा ही कार्य करता है। क्योंकि सोच के अनुसार बदल जाता है नजरिया और हो जाती है वैसी ही क्रिया । स्वयं के आत्मविश्वास से बदल जाता है सभी तरह का नजरिया। प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )