अस्पताल में चोर उचक्के चुरा रहे मरीजों के फोन, गार्ड और पुलिस बनाती है तमासा

Sep 26, 2023 - 08:02
 0  11
अस्पताल में चोर उचक्के चुरा रहे मरीजों के फोन, गार्ड और पुलिस बनाती है तमासा
Follow:

कायमगंज - फर्रुखाबाद अस्पताल में तैनात गार्ड तथा पड़ोस में स्थित चौकी पुलिस के बावजूद भी उचक्के आए दिन दे रहे अपनी करतूतों को अंजाम ।

मरीज तथा तीमारदार हो रहे परेशान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कायमगंज में इस समय चोर उचक्के तथा टप्पेबाज सक्रिय नजर आने लगे हैं । यह अराजक तत्व यहां आने वाले मरीजों तथा तीमारदारों के रुपए तथा मोबाइल फोन बड़ी होशियारी के साथ हाथ की सफाई दिखाकर पार कर रहे हैं । लेकिन विडंबना है कि मरीजों की सुविधा के लिए शासन द्वारा अस्पताल में सुरक्षा गार्ड्स की नियुक्ति की गई है ।

 वही इस सरकारी अस्पताल के पास में ही कस्बा पुलिस चौकी भी बनी हुई है । लेकिन इन सबके बावजूद भी चोर बड़े हौसलों के साथ अपनी करतूतों को आए दिन अंजाम दे रहे हैं । जिसके कारण मरीजों तथा तीमारदारों में खासी बेचैनी दिखाई दे रही है । आज क्षेत्र के गांव जिराऊ निवासी रामनरेश पुत्र मलखान सिंह बीमार हालत में दवा लेने के लिए यहां आए थे । उन्होंने मरीज भर्ती पर्चा बनवाकर डॉक्टर से जांच कराई और डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा लेने के लिए दवा काउंटर पर लाइन में लगे थे ।

किसी सक्रिय उचक्के ने उनकी जेब में रखे ₹500 निकल लिए । दूसरे मामले में बताया गया कि कंपिल क्षेत्र के गांव अहिवरन नगला के रहने वाले नीरज पुत्र सत्यदेव भी दवा लेने आए थे । वे डॉक्टर को दिखाने के लिए वही लाइन में खड़े थे । यहां भीड़ कुछ अधिक थी । जिसका फायदा उठाते हुए किसी चोर ने उनकी जेब में रखा मोबाइल पार कर दिया । दोनों पीड़ित मरीजों ने इसकी शिकायत ड्यूटी पर मौजूद अस्पताल गार्ड से की , तो तुरंत इधर-उधर देखा गया ।

 लेकिन कोई भी चोर या टप्पेबाज हाथ नहीं आया बताया जा रहा है कि ऐसी घटनाओं का पर्दाफाश करने के लिए इस अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे । लेकिन कुछ ही समय बाद गुणवत्ता खराब होने के कारण कैमरों ने काम करना बंद कर दिया । पीड़ित मरीज तथा तीमारदारों ने कहा कि कमीशन खोरी बंद कर गुणवत्ता युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिए । आपको बता दें कि इस सरकारी अस्पताल में पहले से ही सक्रिय चोर कभी बाइकें तो कभी कोई दूसरी चीज या फिर लोगों की जेबों पर हाथ साफ करते रहे हैं , और यह काम आज तक बदस्तूर जारी है । इसका कारण चाहे जो हो लेकिन हर पीड़ित इस कमी को कानून व्यवस्था की नजर से जोड़कर ही देख रहा है ।