सावधान! पराली जलाने पर की जा रही है कड़ी कार्रवाई*

Nov 4, 2025 - 20:17
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सावधान! पराली जलाने पर की जा रही है कड़ी कार्रवाई*

सावधान! पराली जलाने पर की जा रही है कड़ी कार्रवाई

 एटा ।* जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह के निर्देशों के अनुपालन एवं एनजीटी के नियमों को दृष्टिगत रखते हुए पराली जलाने की घटनाओं पर सतत निगरानी एवं कार्यवाही लगातार जारी है। उप कृषि निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 02 नवम्बर 2025 को सेटेलाइट द्वारा पराली जलाने की सूचना प्राप्त हुई थी। संबंधित क्षेत्रीय लेखपाल एवं कृषि विभाग की टीम द्वारा मौके पर निरीक्षण करने पर विकास खंड अवागढ़ के नारऊ वीरनगर निवासी अजय प्रताप सिंह पुत्र राजेंद्र प्रताप सिंह के खेत में पराली जलाये जाने की पुष्टि हुई। एक घटना पाए जाने पर नियमानुसार ₹5,000 का जुर्माना अधिरोपित किया गया है। उप कृषि निदेशक ने स्पष्ट किया कि खेतों में पराली जलाना दंडनीय अपराध है। पकड़े जाने पर पर्यावरण क्षति शुल्क निर्धारित है—02 एकड़ तक ₹5,000, 02 से 05 एकड़ तक ₹10,000, 05 एकड़ से अधिक ₹30,000 तक पुनरावृत्ति की स्थिति में संबंधित कृषक के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि पराली जलाने की घटना किसी भी समय हो, सेटेलाइट निगरानी द्वारा रिकॉर्ड हो जाती है। अतः इससे बचना असंभव है। उन्होंने किसानों से अपील की गई है कि वे पराली न जलाएं, बल्कि नीचे दिए विकल्प अपनाएं— मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई कर पराली को मिट्टी में मिलाएं पराली को गौशालाओं में दान करें। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि यदि कोई कंबाइन हार्वेस्टर बिना सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (SMS) के धान की कटाई करते हुए पाया जाता है तो उसे मौके पर सीज कर थाने में सुपुर्द कर दिया जाएगा। उप कृषि निदेशक ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में सभी की भागीदारी आवश्यक पराली न जलाएं, यह पर्यावरण, मिट्टी और जनस्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग किसानों के साथ है और उन्हें बेहतर विकल्प अपनाने को प्रेरित करता है।