राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन
राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन
अलीगढ़ । राजा महेन्द्र प्रताप विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षान्त समारोह बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर स्थित शीला गौतम सेंटर फॉर लर्निंग सभागार में भव्य रूप से संपन्न हुआ। दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि प्रो0 कमल किशोर पंत निदेशक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की, विशिष्ट अतिथि श्री योगेन्द्र उपाध्याय माननीय मंत्री (उच्च शिक्षा) एवं श्रीमती रजनी तिवारी, माननीय राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा) कर गरिमामयी उपस्थिति रही।
कुलाधिपति एवं मा0 राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय पदयात्रा एवं मा0 सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने उपरान्त दीक्षान्त समारोह के शुभारम्भ की औपचारिक घोषणा की। मा0 कुलाधिपति द्वारा डिजिटली माध्यम से 51552 उपाधियों एवं अंक पत्रों को डिजिलॉकर में संरक्षित कर समावेशन किया गया। दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि प्रो0 कमल किशोर पंत निदेशक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की को कुलाधिपति ने डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। कुलाधिपति एवं अतिथियों द्वारा स्नातक स्तर पर 17 एवं परास्नातक स्तर पर 30 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल एवं उपाधियां प्रदान की गई, जिसमें 36 छात्राएं एवं 11 छात्र शामिल रहे। कासंगज के अमांपुर की बीए की छात्रा नेहा को बैचलर ऑफ आर्ट के स्वर्ण पदक व उपाधि के साथ ही कुलाधिपति पदक से भी सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर गोद लिए ग्रामों के विद्यालयों में कराए जाने वाली भाषण, चित्रकला एवं कहानी लेखन प्रतियोगिताओं में क्रमशः पल्लवी उपाध्याय, मीना कुमारी एवं मुस्कान को उपहार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। समारोह में अलीगढ़ एवं हाथरस के आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने के लिए 500 किटों का वितरण किया गया। जिसमें अलीगढ़ की पला साहिबाबाद की आंगनबाड़ी नविता निर्मल, सराय काजी की गुंजन, अटलपुर की कु0 भावना, लोधा की संगम, नादा वाजिदपुर की राधा तोमर एवं हाथरस की अंजना, रूपवती, सुमन, कांता व प्रीती को प्रतीक स्वरूप मंच पर किट प्रदान की गईं।
मा0 कुलाधिपति ने राजभवन द्वारा संकलित 05-05 पुस्तकों को जिलाधिकारी अलीगढ़ संजीव रंजन एवं सीडीओ हाथरस पी0एन0 दीक्षित को भेंट करने के साथ ही प्राथमिक विद्यालयों के लिए भी पुस्तकें प्रदान कीं। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में बनने वाले शैक्षणिक भवन-3 एवं अतिथिग्रह हा भी डिजिटली रूप से रिमोट का बटन दबाकर शिलान्यास किया। मा0 राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि जो काम हम सही ढ़ंग से करेंगे वही प्रथा बन जाएगी। विश्वविद्यालय परिसर में अध्ययन-अध्यापन के साथ ही अनुशासन आवश्यक है। हमें दूसरे विश्वविद्यालयों से भी एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा रखनी है। जिन छात्रों में प्रतिभा है उनको आगे बढ़ाने का कार्य करें। उन्होंने बताया कि आज 51 हजार से अधिक उपाधियों को डिजिलॉकर में संरक्षित किया गया है, जिससे प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी, फर्जी डिग्रीयों का खेल खत्म होगा। छात्र कभी भी अपने दस्तावेजों को डिजिलॉकर से डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले विभिन्न प्रकार की समस्याएं थीं, हमने नवीन तकनीक के माध्यम से समाधान





