सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संदिग्धों की एंट्री पर लगेगा अंकुश, महिला आयोग ने दिए सख्त निर्देश
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संदिग्धों की एंट्री पर लगेगा अंकुश, महिला आयोग ने दिए सख्त निर्देश
डॉ. बबीता सिंह चौहान ने कहा – पहचान छुपाकर प्रवेश करने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई
लखनऊ। नवरात्रि, गरबा, डांडिया और अन्य सांस्कृतिक आयोजनों में संदिग्ध या असामाजिक तत्वों की पहचान छुपाकर घुसपैठ पर अब कठोर कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग को प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, हाल के वर्षों में कुछ असामाजिक तत्व धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी वास्तविक पहचान छुपाकर प्रवेश करते हैं, जिससे आयोजनों की **शुचिता, सुरक्षा और गरिमा प्रभावित** होती है। ऐसे में महिला आयोग ने स्पष्ट किया है कि **कोई भी व्यक्ति यदि बिना वैध पहचान पत्र के या पहचान छिपाकर** ऐसे आयोजनों में प्रवेश करता है, तो उसके विरुद्ध **कानूनी कार्यवाही** की जाएगी।
डॉ. बबीता सिंह चौहान ने कहा कि गरबा-डांडिया जैसे आयोजनों में बड़ी संख्या में **महिलाएं, बालिकाएं एवं परिवार** शामिल होते हैं। ऐसे आयोजनों में **सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक पवित्रता** बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि **सांस्कृतिक आयोजनों की गरिमा बनाए रखना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी** है। महिला आयोग ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आयोजकों, प्रशासन एवं पुलिस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर **सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए**, ताकि महिलाएं निश्चिंत होकर पर्वों की खुशियों में भाग ले सकें। आयोग ने यह भी अपेक्षा जताई है कि राज्य में कहीं भी सांस्कृतिक आयोजनों की सुरक्षा में सेंध लगाने या शुचिता भंग करने वाले **किसी भी तत्व को बख्शा नहीं जाएगा**।





