जीएसटी 2.0 लागू - नवरात्रि और टैक्स कटौती के पहले दिन उपभोक्ताओं का उत्साह चरम सीमा पर
जीएसटी 2.0 लागू - नवरात्रि और टैक्स कटौती के पहले दिन उपभोक्ताओं का उत्साह चरम सीमा पर
भारतीय उपभोक्ताओं और कारोबारियों के लिए एक ऐतिहासिक तिथि बन गई। नवरात्रि की पहली पूजा के दिन मोदी सरकार ने जीएसटी 2.0 को लागू कर लोगों को ऐसा तोहफ़ा दिया, जिसने त्योहारी सीजन की रौनक को दोगुना कर दिया। सुधारित कर व्यवस्था ने जहां कीमतों को कम किया और स्लैब को सरल बनाया, वहीं दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर मिली राहत ने आम आदमी को उत्सव मनाने का सीधा कारण दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “भारत के लोगों को समर्पित सुधार” करार दिया और वाकई यह नीति परिवर्तन से अधिक एक उत्सव का उपहार साबित हुआ। ऑटोमोबाइल सेक्टर में इसकी गूंज सबसे ज़्यादा सुनाई दी। छोटी सब-4 मीटर कारों को 18 प्रतिशत स्लैब में स्थानांतरित किया गया और मुआवजा उपकर को पूरी तरह हटा दिया गया। इसका असर तुरंत दिखा।
मारुति ने पहले ही दिन 80,000 इंक्वायरी दर्ज की और 30,000 कारें डिलीवर कीं, जो कंपनी के 35 साल के इतिहास में एक दिन का सबसे बड़ा रिकॉर्ड रहा। हुंडई की डीलर बिलिंग 11,000 तक पहुंच गई, जो पांच साल में सबसे अधिक थी। वहीं, टाटा मोटर्स ने 10,000 कारों की डिलीवरी की और 25,000 से अधिक पूछताछ दर्ज की। आम परिवारों के लिए यह लंबे समय से अधूरे सपनों को पूरा करने का अवसर बन गया और कार खरीदना नवरात्रि की पूजा का हिस्सा बन गया। डिजिटल बाज़ारों में भी उत्साह कम नहीं था। फ्लिपकार्ट और अमेज़न ने अपने लॉयल्टी प्रोग्राम उपभोक्ताओं के लिए फेस्टिव सेल की शुरुआत की और जीएसटी छूट के चलते ब्रांडों को मजबूत शुरुआत मिली। फैशन ब्रांडों की बिक्री में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि घरेलू सामान की ऑनलाइन खरीद में रिकॉर्ड उछाल आया। स्निच जैसे फैशन ब्रांडों की बिक्री में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भी जीएसटी 2.0 का सीधा असर दिखाई दिया। स्प्लिट एसी की कीमतें 3,000 से 5,000 रुपये तक घटीं, वहीं बड़े आकार के महंगे टीवी पर 85,000 रुपये तक की कटौती हुई।
कंपनियों ने बिक्री में जबरदस्त इजाफ़ा दर्ज किया। हायर ने एक सामान्य सोमवार की तुलना में लगभग दो गुना बिक्री की, जबकि ब्लू स्टार ने पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत ज़्यादा उत्पाद बेचे। टीवी की बिक्री भी उछाल पर रही और 43 व 55 इंच सेगमेंट में 30 से 35 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई। त्योहारी सीजन की यह धमाकेदार शुरुआत उपभोक्ताओं के लिए बचत और खरीदारी का नया पर्व बन गई। कारों और इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर किराना और फैशन तक हर क्षेत्र में मांग बढ़ी और दुकानों से लेकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक हर जगह भीड़ उमड़ पड़ी। जीएसटी 2.0 सिर्फ एक कर सुधार नहीं, बल्कि एक ऐसा उत्सव बन गया जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता भावना दोनों को नई ऊर्जा दी। प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में कहें तो यह वास्तव में भारत के लोगों के लिए दिवाली का असली उपहार साबित हुआ।





