Agra News : मृतक आश्रित कोटे से 2 भाइयों ने ली दरोगा की नौकरी, विभाग में मचा हड़कंप

Agra News : मृतक आश्रित कोटे से 2 भाइयों ने ली दरोगा की नौकरी, विभाग में मचा हड़कंप

Sep 19, 2025 - 09:48
 0  179
Agra News : मृतक आश्रित कोटे से 2 भाइयों ने ली दरोगा की नौकरी, विभाग में मचा हड़कंप

Agra News : उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसने व्यवस्था की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आगरा में तैनात एसीपी अकाउंट नागमेंद्र लांबा और उनके छोटे भाई इंस्पेक्टर योगेंद्र लांबा पर आरोप है कि दोनों ने अपने पिता की मृत्यु के बाद 'मृतक आश्रित कोटे' के तहत पुलिस विभाग में नौकरी पाई, जो नियमों के खिलाफ है।

 नागमेंद्र लांबा ने पहले इस कोटे के तहत नौकरी प्राप्त की थी और बाद में वे एसीपी पद से नवंबर 2024 में सेवानिवृत्त हुए। छह साल बाद उनके छोटे भाई योगेंद्र लांबा ने भी उसी कोटे का हवाला देकर नौकरी हासिल कर ली। मामले में शिकायत सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय में जांच शुरू की गई। जांच की जिम्मेदारी पूर्व पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड के माध्यम से डीसीपी ट्रैफिक अभिषेक अग्रवाल को दी गई थी। शिकायत मिलने के बाद नागमेंद्र लांबा की पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ तत्काल प्रभाव से रोक दिए गए हैं। बयान में नागमेंद्र लांबा ने कहा है कि उन्हें नहीं मालूम कि उनके भाई ने कैसे नौकरी पाई। उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी से इनकार किया और कहा कि वे अपने छोटे भाई से अलग रहते हैं।

 वर्तमान पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों भाइयों को मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त किया गया था और यह स्पष्ट रूप से फर्जीवाड़ा प्रतीत होता है। यदि जांच में धोखाधड़ी साबित होती है, तो मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि दोषी पाए जाने पर निरीक्षक योगेंद्र लांबा को बर्खास्त भी किया जा सकता है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। कानपुर की एक महिला सिपाही को एक रील वीडियो वायरल होने के बाद नौकरी से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में उन्हें दोबारा नौकरी दी गई, लेकिन शिकायत आने पर 48 घंटे में फिर से सेवा समाप्त कर दी गई।

एक लिपिक के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी। इन घटनाओं से साफ है कि मृतक आश्रित कोटे में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हो रही हैं और सिस्टम की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। अब निगाहें इस बात पर हैं कि क्या इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी या यह मामला भी फाइलों में दब जाएगा।