बासमती चावल के उत्पादन में प्रतिबंधित कीटनाशकों की बिक्री पर लगी रोक, उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई

बासमती चावल के उत्पादन में प्रतिबंधित कीटनाशकों की बिक्री पर लगी रोक, उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई
एटा। उत्तर प्रदेश शासन के कृषि अनुभाग-2 के निर्देशानुसार बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और उसे कीटनाशी अवशेष मुक्त बनाए रखने के उद्देश्य से कुछ कीटनाशकों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है। इस संबंध में जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि बासमती उत्पादक किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ट्राईसाइक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपायरीफास, टेबुकोनाजोल, पपिकोनाजोल, थायोमेथोक्सम, प्रोपेनोफॉस, इमिडाक्लोप्रिड, कार्बेन्डाजिम, तथा कार्बोफ्यूरॉन जैसे कीटनाशी रसायनों के प्रयोग पर **1 अगस्त 2025 से अगले 60 दिनों तक** पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही जनपद के समस्त कीटनाशी रसायन विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे इन प्रतिबंधित रसायनों के किसी भी प्रकार के फॉर्मूलेशन की **बिक्री एवं वितरण नहीं करें**।
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई विक्रेता या किसान इन निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध **कीटनाशी अधिनियम 1968 एवं नियमावली 1971 की धारा 27(1)** के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसके लिए संबंधित व्यक्ति स्वयं जिम्मेदार होगा। जिला प्रशासन ने सभी किसान भाइयों एवं कीटनाशी विक्रेताओं से अपील की है कि वे इन निर्देशों का पालन करें ताकि बासमती चावल का गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित हो सके और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी प्रतिष्ठा बनी रहे।