यूपी परिवहन निगम चालकों की मनमानी से यात्री परेशान, बस स्टैंड पर कैंटीन के बावजूद ढाबों पर रुकती बसें

यूपी परिवहन निगम चालकों की मनमानी से यात्री परेशान, बस स्टैंड पर कैंटीन के बावजूद ढाबों पर रुकती बसें
मैनपुरी ( अजय किशोर) कस्बा भोगांव। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने यात्रियों की सुविधा के लिए प्रदेश भर के चिन्हित बस स्टैंडों पर कैंटीन की व्यवस्था की है ताकि यात्रियों को उचित दामों पर बेहतर भोजन और नाश्ता मिल सके। हालांकि, परिवहन निगम की बसों के चालक और परिचालक प्रशासन की इस मंशा पर पानी फेर रहे हैं। वे कमीशन के चक्कर में यात्रियों की जेबों पर डाका डलवा रहे हैं और बस स्टैंड पर कैंटीन होने के बावजूद बसों को नगर से दूर ढाबों पर रोक रहे हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शासन-प्रशासन ने लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों के लिए प्रदेश में चिन्हित बस स्टैंडों पर कैंटीन की सुविधा मुहैया कराई थी ताकि उन्हें शुद्ध और उचित मूल्य पर भोजन व नाश्ता मिल सके।
लेकिन अधिकारियों के मूक समर्थन के कारण बसों के चालक और परिचालक इन आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वे रास्ते में पड़ने वाले ढाबों पर बसों को रोक देते हैं, जहां यात्रियों से खाने-पीने की चीजों के मनमाने पैसे वसूले जाते हैं। बदले में चालक और परिचालक को कमीशन के रूप में मुफ्त में खाना खिलाया जाता है। पूर्व में इन ढाबों पर खाना खाते समय कई बार जहरखुरानी की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल उठते हैं। बीच रास्ते में पड़ने वाले ढाबों पर बसों के रुकने से जहां यात्रियों का कीमती समय खराब होता है, वहीं कई बार विवाद की स्थिति भी बन जाती है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार रात को देखने को मिला। कानपुर के किदवई नगर डिपो की बस संख्या यूपी 78 एचटी/4401 जो कानपुर से दिल्ली जा रही थी, उसमें यात्रा कर रहे कानपुर निवासी चंद्रकांत दीक्षित, सुरेश कुमार, दिनेश कुमार, सलामुद्दीन और अन्य यात्रियों ने बताया कि वे कानपुर के रावतपुर से शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बेवर और भोगांव के लिए बस में सवार हुए थे।
यात्रियों ने बताया कि बस चालक और परिचालक ने अपनी हठधर्मिता के कारण बिलहौर, कन्नौज, छिबरामऊ, बेवर आदि स्थानों पर लगभग दो घंटे तक बस को रोके रखा। जब बस बेवर से भोगांव के लिए चली, तभी रात के बारह बजे नगर से दो किलोमीटर दूर एक ढाबे पर बस को रोक दिया गया, जबकि नगर के बस स्टैंड परिसर में कैंटीन मौजूद है। ढाबे पर बस खड़ी करने पर जब यात्रियों ने विरोध किया, तो बस परिचालक ने यह कहकर जवाब दिया कि वे लोग अपने मन से बस चलाते हैं और जब तक उनकी मर्जी होगी तब तक बस खड़ी रहेगी। उन्होंने साफ कहा कि वे किसी के प्रति जवाबदेह नहीं हैं, जो उनकी मनमानी और यात्रियों के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।