इमाम ए हुसैन से मोहब्बत नबी की ज़मानत: नायब सज्जादा नशीन

इमाम ए हुसैन से मोहब्बत नबी की ज़मानत: नायब सज्जादा नशीन
फतेहगढ़/ फर्रुखाबाद। खानकाह शरीफ मखदूम ए फतेहगढ़ में 16 वी के मौके पर माहाना कुल शरीफ़, शहर की ऐतिहासिक व गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल फतेहगढ़ लोको स्थित दरगाह हज़रत मखदूम शाह सैयद शहाबुद्दीन औलिया अलैहि रहमा में शाबान मोअज्जम महीने का माहाना कुल *16वी शरीफ़* , आज दोपहर बाद नमाज जोहर खानकाह पर कुरान पाक की तिलावत के साथ एहतमाम हुआ जिसमें जामिया के उस्ताद अल्लामा मौलाना जनाब शोएब आतिर मदारी और जामिया के बच्चों ने नजरों नियाज़ कर फूल व चादर पेश की जोकि 02:02 मिनट पर शुरू होकर नजर व न्याज के साथ साथ तकसीमे लंगर हुआ।
इस मुबारक मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने अपने अपने तरीके से फूल व चादर चढ़ाकर अपनी अकीदत पेश कर खानकाह मे दुआएं मांगी। कव्वाली का भी एहतमाम हुआ जिसमें कमालुद्दीन कव्वाल ने... 1. शाह भी हुसैन हैं, बादशाह भी हुसैन हैं, अल्लाह-अल्लाह! इस्लाम की पनाह भी हुसैन हैं। सर को कटा दिया, पर यज़ीद की बैअत न की, इसी लिए "ला इलाहा" की पहचान भी हुसैन हैं। दम दम हुसैन, मौला हुसैन... 2. तीरों की बौछार में भी तुमने नमाज़ पढ़ी, तेरी इबादत का अंदाज़ सबसे अलग था। तेरी शान, ऐ मौला, बहुत ही महान थी, ख़ुदा की क़सम! खुद ख़ुदा को भी तुझ पर नाज़ था। दम दम हुसैन, मौला हुसैन... 3. मौला! तेरे सभी शहीदों को सलाम है, तेरा एक छोटा-सा गुलाम ये पेश करता पैग़ाम है। तेरे सद्के में हमें मक़ाम मिला, तू दरिया-दिल वाला है, और हक़ का इमाम है। दम दम हुसैन, मौला हुसैन... जिसकी *सदारत*, खानकाह के नायब सज्जादा नशीन शाह मुहम्मद वसीम चिश्ती साबरी मुजद्दिदी ने की और तकरीर कर कहा ख्वाजा साहब ने अपनी खानकाह में इस पैगाम के साथ अपनी खानकाह को आम किया की *मोहब्बत सभी से नफरत किसी से नहीं* और आज इसी पैगाम को हर खानकाह या दरगाह को आम करने की जरूरत है क्योंकि इन सूफियो ने अपनी खानकाह के दरवाज़े पूरी आलमे इन्सानियत के लिए खोल रखे है और इसी वजह से आज भी दरगाहों में हर कौमों मिल्लत के लोग फैज पाते है। इस फहीम खान, मिन्हाज भाई उर्फ लवली, हसीन खान, अज़हर हुसैन, अंसार साबरी, रफत हुसैन, आफताब साबरी, जावेद कादरी व शिवम् आदि मौजूद रहे।