धड़ल्ले से चल रहा अवैध मिट्टी खनन का कारोबार, खनन अधिकारी की छापेमारी में दो ट्रैक्टर और दो जेसीबी जब्त

Jul 4, 2025 - 22:19
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धड़ल्ले से चल रहा अवैध मिट्टी खनन का कारोबार, खनन अधिकारी की छापेमारी में दो ट्रैक्टर और दो जेसीबी जब्त

धड़ल्ले से चल रहा अवैध मिट्टी खनन का कारोबार, खनन अधिकारी की छापेमारी में दो ट्रैक्टर और दो जेसीबी जब्त

कायमगंज (फर्रुखाबाद) कायमगंज क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन का कारोबार दिन-दहाड़े और बेखौफ होकर जारी है। ताजा घटनाक्रम में जिला खनन अधिकारी संजय प्रताप ने सटीक सूचना के आधार पर कोतवाली कायमगंज अंतर्गत गांव *सोतेपुर* के पास अवैध खनन स्थल पर छापा मारा, जहां से दो ट्रैक्टर और दो जेसीबी मशीनों को जब्त किया गया। छापामार कार्रवाई के दौरान खनन माफियाओं के दो ट्रैक्टर चालक मौके से फरार होने में सफल हो गए। पकड़े गए संसाधनों को मंडी पुलिस चौकी पर खड़ा कराया गया है। गौरतलब है कि **ठीक एक दिन पहले गुरुवार को भी इसी गांव से दो डंपर और एक जेसीबी मशीन जब्त की गई थी**, जिनका उपयोग अवैध खनन में किया जा रहा था।

### ? **कौन हैं आरोपी?** खनन अधिकारी के अनुसार, इस अवैध खनन कार्य में **नरैनामऊ निवासी सुवोध गंगवार** के नाम पर ली गई परमीशन का दुरुपयोग किया गया। जबकि खनन का संचालन उनके साथी **मनोज गंगवार** द्वारा किया जा रहा था। *जब्त की गई मशीनों में:* * एक जेसीबी मशीन और एक ट्रैक्टर – **मनोज यादव (ठेकेदार)** के * दूसरी जेसीबी – **मनोज गंगवार और सुनील मिश्रा (निवासी अटसैनी)** के यह पूरा अवैध खनन **सोतेपुर गांव के आसपास** किया जा रहा था, जो माफियाओं के लिए वर्षों से एक सुरक्षित अड्डा बना हुआ है। 

### ⚠️ **फर्जीवाड़ा और नियमों की धज्जियां** खनन अधिकारी संजय प्रताप ने बताया कि परमीशन *किसी खास गाटा संख्या* के लिए ली गई थी, लेकिन खनन दूसरी गाटा संख्या के खेतों में किया जा रहा था, जो नियमों का उल्लंघन है। इसके अलावा, **परमीशन में दर्शाए गए ट्रैक्टर व जेसीबी की बजाय दूसरे नंबरों की मशीनों का प्रयोग किया जा रहा था**, जिससे यह साफ होता है कि पूरी योजना फर्जी दस्तावेजों और मिलीभगत के आधार पर चलाई जा रही थी।

### ?‍♂️ **कार्यवाही की तैयारी** खनन अधिकारी ने बताया कि इस छापामार कार्रवाई के बाद सभी जब्त संसाधनों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

**? निष्कर्ष:** खनन माफिया कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए सरकारी मशीनरी को चुनौती दे रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस बार इस अवैध कारोबार पर कितना प्रभावी शिकंजा कस पाता है।