बेटे की मंगेतर को बहू बनाने निकले थे, खुद दूल्हा बन बैठे! रामपुर की हैरान कर देने वाली कहानी
बेटे की मंगेतर को बहू बनाने निकले थे, खुद दूल्हा बन बैठे! रामपुर की हैरान कर देने वाली कहानी

बेटे की मंगेतर को बहू बनाने निकले थे, खुद दूल्हा बन बैठे! रामपुर की हैरान कर देने वाली कहानी
रामपुर/अलीगढ़ । थाना भोट क्षेत्र के एक छोटे से गांव में घटी एक अजीबो-गरीब घटना ने पूरे इलाके को चौंका दिया है। जिस रिश्ते में विश्वास होना चाहिए, वहीं धोखा और हैरानी का ऐसा खेल खेला गया कि हर कोई स्तब्ध रह गया। कहानी एक 55 वर्षीय व्यक्ति की है, जिसने अपने बेटे के लिए अजीमनगर थाना क्षेत्र की एक युवती से रिश्ता तय किया था। सबकुछ सामान्य चल रहा था। रिश्ते के बाद बेटा अक्सर लड़की के घर आता-जाता था, लेकिन उसके साथ-साथ पिता की भी आवाजाही बढ़ने लगी थी। किसी को अंदेशा नहीं था कि जो व्यक्ति पिता है, वही अपने बेटे के भविष्य पर खुद हाथ फेरने की तैयारी कर रहा है।
★ **दिल्ली दिखाने के बहाने निकाह तक** कुछ दिन पहले उक्त व्यक्ति लड़की को यह कहकर अपने साथ ले गया कि वह शारीरिक रूप से कमजोर लग रही है, इसलिए दिल्ली के किसी अच्छे डॉक्टर से उसका इलाज कराना है। लड़की के परिजनों ने भरोसा किया और उसे भेज दिया। लेकिन शाम तक दोनों की कोई खबर नहीं आई। जब परिजनों ने फोन किया तो जवाब मिला – “लड़की की तबीयत बिगड़ गई है, उसे अस्पताल में भर्ती कराया है।” लेकिन अगले दिन जो हुआ, उसने सबको सन्न कर दिया। दोनों वापस गांव लौटे – हाथों में **निकाहनामा** लेकर। लड़की अब उस 55 वर्षीय व्यक्ति की बीवी बन चुकी थी – जो कुछ हफ्तों बाद उसका ससुर बनने वाला था।
★**गांव में मचा हड़कंप, पंचायत ने सुनाया फरमान** जैसे ही गांव वालों को इस घटना की जानकारी मिली, पूरा गांव हक्काबक्का रह गया। लड़की के परिवार में तूफान मच गया। पहले तो दोनों परिवारों में जमकर झगड़ा हुआ, फिर मामले को सुलझाने के लिए पंचायत बुलाई गई। पंचायत ने काफी विचार-विमर्श के बाद दोनों को **गांव छोड़ने का आदेश** दिया। उनका मानना था कि इस रिश्ते ने सामाजिक मर्यादाओं की सीमाएं लांघ दी हैं।
★'बेटे की मंगेतर को बहू बनाने निकले थे, खुद दूल्हा कैसे बन गए?'** यह सवाल अब हर गली, हर चौपाल और चाय की दुकान पर चर्चा का विषय बना हुआ है। कोई हँसी में ले रहा है, कोई गुस्से में, तो कोई इसे समाज के बदलते रिश्तों की एक खतरनाक बानगी मान रहा है। इस अजीब लेकिन सच्ची घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है – रिश्तों की सीमाएं आखिर कहां तय होती हैं?