वरिष्ठ साहित्यकार प्रदीप छाजेड़ का आज जन्मदिन
वरिष्ठ साहित्यकार प्रदीप छाजेड़ का आज जन्मदिन
प्रदीप मोहनलाल जी छाजेड़ बोरावड़ तेरापंथ धर्मसंघ का गौरव है । प्रदीप जी तत्वज्ञ , तपोनिष्ठ , सेवाभावी , ओजस्वी , लेखक , कवि ,तरुणधर , युवा , गणसेवाभावी , शान्त , गम्भीर ,साधु - सन्तों के केवल इंगित करने मात्र से सम्पूर्ण कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने वाले , उच्च सकारात्मक सोच वाले ,मज़बूत मनोबल वाले व्यक्ति जिसके जीवन में असम्भव का स्थान नहीं क्या नहीं कर सकते ऐसा आपका व्यक्तित्व ,परिषद को हर दृष्टि से बाँधे रखना व समाज के किसी भी कार्य को अकेले सम्भालने की क्षमता रखने वाले आदि ऐसी अनेक प्रतिभा से आप युक्त हैं ।
आप जैसा व्यक्ति तेरापंथ धर्म संघ में आचार्यों के इंगित को लेकर असम्भव कार्य को भी बिना राग - द्वेष से अकेले भी सम्भव करने की क्षमता रखता है । मैंने आप श्री को कहा की आपका उचित स्थान केन्द्रीय संस्थाओं का उचित नेतृत्व करना हैं वो हैं भले ही बोरावड़ छोटा क्षेत्र हैं परन्तु आप जैसी विशिष्ट प्रतिभा से यह तेरापंथ धर्मसंघ का अद्वितीय क्षेत्र है ।
आपने छोटी सी अवस्था में दो - दो बार 35 की तपस्या की हैं उसके अलावा भी 1 से 9 की लड़ी व तिविहार व चौविहार उपवास व अनेक तपस्या आदि -आदि भी आपने ख़ूब किये हैं । गुरुदेव तुलसी बोरावड़ पधारे तब आपको 51 थोकडे याद थे व गुरुदेव तुलसी ने आपको तेरापंथ प्रबोध का एक गाथा पूछा उसका आपने तुरन्त उतर दिया उस समय गुरुदेव तुलसी ने आपको आगे बढ़ने वाला कहा तो ऐसे ही नहीं कहा आप जैसे हीरे को गुरु तुलसी ने पहले ही परख लिया था ।
यह सभी गुण आपकी आध्यात्मिकता को हर तरीक़े से उजागर करते हैं तभी तो आप गण में सभी को प्रिय लगते हैं । आपके दोनो पाँव में बीमारी भी हैं व 3 ओपरेशन भी आपके हो गये हैं व अभी 10 मार्च को डॉक़्टर ने आपको दोनो पाँव की बीमारी के लियें अच्छा नहीं कहा हैं और सख़्त बोला हैं मुझे पूर्ण विश्वास हैं की आप हर तरीक़े से सभी विपदाओ से अपने उच्च मनोबल से गुरु आशीर्वाद से 16 जून को डॉक़्टर जब आपको देखेगा तो आप इससे निकल जाओगे ।मेरे दोनो पेपर के ग्राहक आपकी रचना का इन्तज़ार करते हैं की कब आपके लेख , कविता आयें व कब हम पढ़ें ।
आप लेखन ,नेतृत्व आदि के द्वारा गण की लगातार ख़ूब - ख़ूब सेवा करते रहोगे व गण को उच्च से उच्च ले जाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दोगे । आपके प्रति इन्ही शुभ भावों से मैं आध्यात्मिक उज्जवल भविष्य की मंगलकामना करता हुँ । ओम् अर्हम ! दिनांक : 16-3-2021 धर्मेन्द्र छाजेड़ ( सम्पादक ) जिनेंन्दु यंगलीडर अहमदाबाद