प्रेम जाल में फंसाने वाले लुटेरे
कहानी === प्रेम जाल में फंसाने वाले लुटेरे
अगस्त का सुहावना महीना समाप्त होने जा रहा था ।आकाश के काले काले बादल विदा लेने के बाद भी कभी-कभी आकर घनघोर वर्षा कर जाते थे और मौसम का मिजाज बिगड़ जाते थे । मूसलाधार वर्षा होने के कारण टीकमपुर गांव तीनों तरफ से ताल तलाईयों का टापू बन गया था। तीनों तरफ से पानी भर जाने के कारण गांव में आने जाने रास्ता माधवगढ़ को जाने वाली पक्की सड़क से ही आना जाना रह गया था। माधवगढ़ को जाने वाली पक्की सड़क के उस पार 3 बीघा जमीन पर बना हुआ अस्पताल होने के कारण सड़क के दोनों किनारों पर दुकानें बन गई थी और सड़क पर अच्छा सा बाजार बन गया था ।
अस्पताल तथा दो स्कूल खुलजाने के कारण टीकमपुर गांव एक अच्छा सा कस्बा था। टीकमपुर गांव के विकास की यहकहानी रिटायर्ड प्रिंसिपल किशोर कांत और डॉक्टर शकुंतला के छात्र जीवन के पवित्र प्रेम कहानी से जुड़ गई थी ।रिटायर्ड प्रिंसिपल किशोर कांत अपने डॉक्टर लड़के के बुलावा पर बड़े अरमान लेकर मुंबई गए थे लेकिन मुंबई स्टेशन पर उनका लड़का उन्हें लेने नहीं आया ।लाचार परेशान किशोर कांत की अचानक साथ पढ़ने वाली शकुंतला से हो गयी ।शकुंतला उन्हें अपनी कोठी पर लाई।
शिक्षा काल की प्रेम कहानी दोहराई गई और विधवा डॉक्टर शकुंतला किशोर कांत के साथ टीकमपुर गांव में आ गई । टीकमपुर गांव मैं अपनी मुंबई की सभी संपत्ति बेचकर विधवा डा शकुंतला ने टीकमपुर में एक बहुत बड़ा अस्पताल और दो कॉलेज खुलवा दिये थे। अब टीकमपुर गांव एक कस्बा के रूप में विकसित हो गया था। 73 वर्षीय रिटायर्ड प्रिंसिपल किशोर कांत दुबे अपनी कोठी में अपनी 67 वर्षीय धर्म पत्नी सुषमा तथा मुंबई से आई विधवा डॉक्टर शकुंतला के साथ कूलर की ठंडी ठंडी हवा में लेटे हुए थे।
शकुंतला और सुषमा अपने-अपने पलंग पर सो रही थी और पंडित किशोर कांत अपने पलंग लेटे जाग रहे थे। किशोर कांत करवट लेकर शकुंतला के बुढ़ापे के गुलाबी गालों को निहार थे और सोच रहे थे। जब वह उनके साथ पढ़ती थी कितनी सुंदर मोहनी सूरत की लगती थी ।उसने शादी का प्रस्ताव भी किया था ।लेकिन मैं स्वीकार नहीं कर पाया था। वक्त ने किस मोड़ पर लाकर एक बार उससे फिर हमें मिलवा दिया। बिचारी शकुंतला की शादी भी एक डॉक्टर से हो गई थी लेकिन डॉक्टर की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी ।शकुंतला विधवा हो गई। विधवा शकुंतला ने मेरी नियत पर विश्वास किया और मेरे साथ मुंबई से मेरे गांव में आ गई ।
आज हम दोनों पवित्र प्रेम के बंधनों में रह कर एक दूजे के हो गए हैं और अब साथ साथ रह रहे हैं। तकिया के पास रखें मोबाइल की घंटी बार-बार बज रही थी लेकिन पंडित किशोर कांत अपने लड़के के द्वारा किए गए मुंबई बुलावे के व्यवहार घटना तथा शकुंतला के अपनी कोठी पर ले जाने विश्वास सोच में खोए हुए थे और अपना मोबाइल नहीं उठा रहे थे ।पास के पलंग पर सो रही पत्नी सुषमा मोबाइल की घंटी आवाज से जग गई और सुषमा ने उठाकर पंडित किशोर कांत को झक झोड़ते, हुए कहा -मोबाइल की घंटी बज रही है और तुम उठा नहीं रहे हो । किशोर कांत ने मोबाइल उठाकर ऑन किया -उधर से आवाज आई-- पापा मैं रविकांत बोल रहा हूं।
शाम से आपको फोन मिला रहा था। लेकिन आप से बात हो नहीं पा रही थी। पंडित किशोर कांत गुस्से मेबोले--मै किसी रविकांत कोनहीं जानता हूं ।रविकांत बोला- पिता जी मैं जानता हूं ।आप मुझसे बहुत नाराज हैं ।जब आप मुंबई आए थे उसदिन मेरा एक्सीडेंट हो गया था ।मै अस्पताल में बेहोश पड़ा हुआ था और 6 महीना के इलाज के बाद अब कुछ ठीक हो पाया हूं। आपको मुंबई आने पर जो कष्ट हुआ मैं उससे शर्मिंदा हूं। पिता जी मुझे माफ करना। अब मैं सुरेंद्र को फिर भेज रहा हूं ।वह आपको लेकर सीधा कोठी पर आएगा ।आपको कोई परेशानी नहीं होगी। बहूआपकी खूब सेवा करेगी ।
किशोर कांत बेटे की बात तो सुनते रहे लेकिन जब कोई जवाब नहीं दिया तो रविकांत अपनी पत्नी को मोबाइल देते हुए कहा- पिताजी आप अपनी बहू से बात कर ले ।उधर से बहू की आवाज आई-- पापा इनके एक्सीडेंट होने के कारण उस समय आप को स्टेशन से कोई लेने नहीं पहुंच पाया। जब 2 दिन बाद इनको कुछ होश आया तो आपको लेने के लिए सुरेंद्र स्टेशन पर पहुंचा था। लेकिन आप जा चुके थे । घर पर इसलिए खबर नहीं की कि आप घबरा जाएंगे।
अब तबीयत ठीक होने पर आपको बुला रही हूं ।आप जरूर आ जाना । वह शीघ्र ही सुरेंद्र को भेजेंगे ।आप उसके साथ आ जाना। किशोर कांत ने बहु बेटे को कोई जवाब नहीं दिया और फोन काट दिया ।जब किशोर कांत बेटा बहू से बात कर रहे थे तो सुषमा शकुंतला दोनों जाग गईथी। शकुंतला मोबाइल के पास कॉन लगाए हुए सभी बातें सुन रही थी। शकुंतला किशोर कांत से बोली- मुझे लगता है तुम्हारा लड़का किसी बहुतबड़ेअपराधियों के चुंगल में फंसा हआ है। इसी लिए उससे जो कहा जा रहा था वह वही बोलता था ।मोबाइल से जब बात कर रहा था तो लग रहा था उसके पास कोई बैठा हुआ है।
वही धीरे-धीरे बता रहा है वही बोल रहा है । किशोर कांत ने शकुंतला से कहा मुझे भी ऐसा ही लगता है । कल प्रधान जी को भी बुला लूंगा और तभी हम सब लोग इस पर सोचेंगे और आगे की कार्रवाई करेंगे। मुझे भी लगता है मेरा लड़का अपराधियों के चुंगल में है । दूसरे दिन जब किशोर कांत डॉ शकुंतला के साथ अस्पताल की व्यवस्था देखने के लिए जा रहे थे तभी मोबाइल की घंटी बज उठी । किशोर कांत ने मोबाइल ऑन किया-।- उधर से आवाज आई -मैं तुम्हारा बेटा रविकांत बोल रहा हूं- आप गुस्सा थूक कल मुंबई आ जाइए ।
हमलोग आपकी सेवा करेंगे । हां खेती कोठेसभी बेचकर अपने अकाउंट में पैसा कर लेऔर मुंबई आने की तैयारी कर ले। जैसे यह सब काम कर ले मुझे खबर करना मैं सुरेंद्र को भेजकर आपको मुंबई बुला लूंगा। किशोर कांत बोले- बेटा अगर पैसे की अभी कुछ जरूरत हो तो बोलो 'मैं तुम्हें पैसा भिजवा दूंगा ।खेतीकोठी बिकने में समय लगेगा। उधर से आवाज आई-पिताजी इलाज कराने में आर्थिक तंगी में आ गया हूं । अगर हो सके तो एक लाख रुपया जो मैं अकाउंट नंबर बताऊंगा उसमे डाल देना ।किशोर कांत ने कहा -बैंक का नामतथा जिसके नाम से खाता हो उसका नाम बता देना ।
पैसा डाल दिया जाएगा । इतना कहकर किशोर कांत ने फोन काट दिया । किशोर कांत से डॉक्टर शकुंतला बोली- यह आपने ठीक किया ।अब इससे पता चलेगा इस गेम का कौन सरगना है। सरगना तक पहुंचने के लिए आप बताए गए अकाउंटमे 50 हजार रुपयाडाल दे ।इसके बाद जब उसका मोबाइल पर मैसेज आए तो उसे बताना कोठी खेती का 10 करोड़ का सौदा हो गया है ।लेने वाले ने यह शर्त लगाई है बैनामा मेंलड़का बहू दोनों के हस्ताक्षर होना जरूरी है । तभी पूरा पैसा दूंगा । क्योंकि तुम्हारा लड़का बैनामा के बाद में कोर्ट कचहरी जा सकता है ।
किशोर कांत बोले इस चाल से लड़का बहू दोनों गांव आ जाएंगे । तभी सही स्थित पता चलेगी । तभी आगे की कार्यवाही होगी और यह बहुत बड़ा गैंग पुलिस के चुंगल मैं आ पाएगा। सोची-समझी योजना के अनुसार जैसे ही किशोर कांत ने बताए गए अकाउंट नंबर पर पैसा डाला उधर से रविकांत का फोन आया पिताजी पैसा मिल गया है जब आप खेती कोठी बेच ले तो मुझे खबर करना मैं सुरेंद्र को भेज कर आपको बुला लूंगा इधर से किशोर कांत ने कहा बेटा खेती कोठी का सौदा 10 करोड़ में हो गया है ।सौदा करने वाली ने यह शर्त लगाई है बैनामा पर लड़के बहू के हस्ताक्षर होना जरूरी है ।
जिससे कि बाद में लड़का बहू कोई कानूनी कार्यवाही नहीं कर सके। रविकांत ने पिता जी से कहा सोच कर बताऊंगा।ठीक 2 दिन बाद उधर से रविकांत का जवाब आया । पिताजी आप सौदा पक्का कर लीजिए मैं 4 दिनों के बाद सुरेंद्र बहू को लेकर गांव आ जाऊंगा। आपके कहने के अनुसार वैरामा पर हस्ताक्षर कर दूंगा.। रविकांत का जवाब सुनकर किशोर कांतऔर और शकुंतला दोनों खुश हो गए। शकुंतला बोली 4 दिन के बाद खुद पर खुद रविकांत को लेकर अपराधियों का गेम गांव आ जाएगा ।इसलिए एसपी और कोतवाली को इसकी सूचना दे दी जाए ।जिससे कि गैंग पकड़ा जा सके।
एसपी को खबर मिलते ही पुलिस टीम मुंबई के अपराधियों को दबोच ने के लिए जाल बिछाकर गांव में आ गई। ठीक 4 दिन बाद रविकांत और उसकी पत्नी को लेकर तीन गाड़ियों पर चार लोग आ गए । के श्रीकांत ने सभी को कोठी के बड़े हाल में ठहरा दिया। तभी कोठी खेती के खरीददार बनकर चारों इंस्पेक्टर सादाकपड़ों में आ गए। शकुंतला और उनके डॉक्टरों की टीम जब रविकांत को ले कर अस्पताल जाने लगे तो रविकांत के साथ आए चार लोगों ने रविकांत को रोकना चाहा। तो सौदागर के रूप में आए हुए इंस्पेक्टरों ने कहा ‐पहले रविकांत की मेडिकल जांच होगी ।
उसके बाद ही खरीद की बात होगी ।रविकांत के साथ आए 4 लोगों ने जब इसका विरोध अपनी रिवाल्वर निकालकर किया तो आए हुए 4 इंस्पेक्टरों ने उन्हें दबोच लिया और उनकी रिवाल्वर छीन ली औरउन्हें मारते हुए कोतवाली ले गए ।जब कोतवाली में उनकी मारपीट करके उनसे पूछताछ की गई तो चारो अपने अपराध को कबूल गए और बताया कि उन्होंने रविकांत को अपनी लड़की के प्रेम जाल में फंसा कर उसको नशीली दवाएं देकर उससे पैसा लेते रहे । पुलिस ने आकर कोठे के अंदर बैठी कथित रविकांत की पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया ।
उससे जब पूछताछ की गई तो उसने बताया जो 4 लोग गिरफ्तार किए गए हैं वह मेरे परिवार के ही है जो मुझसे बाहर से आए हुए लड़कों को प्रेम जाल में फंसा कर उनसे धन कमाने का काम कर रही हूं ।पुलिस ने कथित पत्नी तथा चारों लोगों को आर्थिक अपराधों में जेल भेज दिया और एक बहुत बड़े गैंग का पर्दाफाश हुआ । यह गैंग युवा लड़कों को प्रेम जाल में फंसा कर उनसे पैसा लूटने का काम करता था। आज की युवा पीढ़ी इससे शिक्षा ले।
बृज किशोर सक्सेना किशोर इटावी कचहरी रोड मैनपुरी