शासन व प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बाद हुआ अतिम संस्कार
शासन व प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बाद हुआ अतिम संस्कार
परिजनों व पुलिस के बीच कई बार हुई गहमा गहमी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर उठाये सवाल, पुलिस परिजनों को समझाती रही।
कायमगंज/फर्रुखाबाद। अंतिम संस्कार को लेकर शासन व प्रशासन ने परिजनों से वार्ता की। वर्ता के दौरान परिजनो, शासन व प्रशासन के बीच बीच में गहमा गहमी होती रही। अन्तिम संस्कार न करने पर डीएम व एसपी अटैना घाट पहुंचे। सोमवार की रात क्षेत्र के गांव में जन्माष्टमी के त्यौहार पर मन्दिर देखने गई दो युवतियां देर रात तक जब घर नहीं पहुंची परिजनों ने खोजबीन की थी।
मंगलवार की सुबह दोनों के शव गांव के ही एक बाग में दुप्पते से लटके मिले थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की थी। पुलिस ने शवो का पोस्टमार्टम कराया था। डीआईजी जोगेन्द्र कुमार व एसपी आलोक प्रियदर्शी ने गांव पहुंचकर जांच पड़ताल भी की थी। पोस्टमार्टम के दौरान सीएमओ डॉ. अवनीन्द्र कुमार, डिप्टी सीएमओ डॉ. दीपक कटियार, डॉ. मान सिंह, डॉ विकास कुमार मौजूद रहे थे।
दोनों सहेलियों के पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोंग्राफी भी की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी से मौत की पुष्टि हुई थी। मंगलवार की देर शाम शव गांवों पहुंचे। शवों के गांव पहुंचते ही गांव छावनी में तब्दील हो गया। रात भर पुलिस विभाग के आला अधिकारी भारी फोर्स के साथ गांव में डेरा डाले रहे। रात में रुक रुक कर हुई बारिश से सभी परेशान नजर आए।
बुधवार की सुबह अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. संजय सिंह, एसडीएम रवीन्द्र सिंह, सीओं कायमगंज जयसिहं परिहार, सीओ मोहम्मदाबाद अरुण कुमार, सीओं सिटी प्रदीप सिंह व सीओ फायर विजय प्रकाश त्रिपाठी गांव पहुंचे। इस दौरान कायमगंज कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रामअवतार, इंस्पेक्टर जहानगंज भूलेन्द्र त्रिपाठी, इंस्पेक्टर मेरापुर, इंस्पेक्टर शमसाबाद बलराज भाटी, इंस्पेक्टर कंपिल जितेन्द्र चौधारी के साथ भरी पुलिस फोर्स मौजूद रहा।
इधर परिजन शवों के अन्तिम संस्कार के लिए मना कर रहे थे। जिसपर उपजिलाधिकारी रवीन्द्र सिंह व सीओ सिटी ने परिजनों से काफी देर तक वार्ता की और समझाया। परिजनों का आरोप है कि युवतियों के शरीर पर चोटों के निशान है। निशानों से ऐसा प्रतीत होता है कि उनके साथ मारपीट की गई हो। जिसपर महिला कांस्टेबल को बुला कर अधिकारियों ने निशान देखे। पुलिस परिजनों को अलग अलग ले जाकर उन्हे समझाने की प्रयास करती हुई नजर आई। थोड़ी ही मृतिका का पिता बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ा।
ब्लाक प्रमुख अनराधा दुबे के पति अरुण दुबे ने अपनी गोद में बिठाया और पानी पिलाया। बीच बीच में मृतिका के भाई व परिजनों में पुलिस से झड़प होती रही। काफी देर समझाने के बाद परिजन दोनों की अर्थी उठाने लिए राजी हुए। इसी बीच मृतिका का भाई व मां ने आर्थीयों उठाने के दौरान हंगामा कर दिया। शासन व प्रशासन की सूझबूझ से दोनों की अर्थियों को एक साथ उठाया गया। दोनों के शवों को अलग अलग डीसीएम में रखा गया व साथ ही एक ट्रैक्टर में लकड़ी आदि रखी गई जबकि अन्य तीन ट्रैक्टर में गांव के अन्य लोग सवार होकर कंपिल क्षेत्र के अटैना घाट के लिए रवाना हुए।
शव वाहनों के आगे पीछे पुलिस की गाड़िया मौजूद रही। शव अटैना घाट पहुंचा परिजनों एक ही चिता पर दोनों के शवो को रखा लकडी व उपले आदि लगाए गए। इसी बीच परिजन अटैना घाट पर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को बुलाने की मांग करने लगे। फिर एक बार उपजिलाधिकारी रवीन्द्र सिंह व सीओं सिटी ने परिजनों से वार्ता की और समझाने की कोशिश की लेकिन परिजन नही माने। जिसपर जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह व एसपी आलोक प्रियदर्शी मौके पर पहुंचे।
जहां मृतिका के परिजनों ने युवतियों के शरीर पर चोट के निशान की बात कही। परिजनों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए। परिजनों ने जिलाधिकारी व एसपी से घटना की जांच सीबीआई से काराने मांग की। जिलाधिकारी व एसपी के समाझाने के बाद परिजन शवों का अन्तिम संस्कार करने के लिए राजी हुई। मृतिका के भाईयों ने मुखाग्नि दी।