सुरा सुंदरी अपराध की जड़

Apr 19, 2024 - 20:28
 0  119
सुरा सुंदरी अपराध की जड़
Follow:

काल्पनिक कहानी - 

सुरा सुंदरी अपराध की जड़ .

÷=================

 दस हजार की आबादी वाला जबलपुर कस्बा जिले का एक महत्वपूर्ण कस्बा है ।जहां ठाकुर ब्राह्मण शाक्य वैश्य तथा अन्य जातियां भी रहती है। कृषि मंडी धान मिल होने के कारण व्यापार का जिले का सर्वोच्च केंद्र है। इस कस्बे में सेठ लक्ष्मीकांता फर्नीचर कारोबार जिले का प्रमुख उद्योग है। जहां से पूरे जिले में फर्नीचर का व्यापार होता है।

सेठ लक्ष्मीकांत का बड़े स्तर पर फर्नीचर कारोबार होने के कारण कस्बा के व्यापारियों मे उनका बिशेष महत्व है ।लक्ष्मीकांत बड़े व्यापारी होने के बाद बड़े दयालु धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति कहे जाते हैं। यह सब कुछ होने के बाद भी 45 वर्ष के होने जा रहे हैं। लेकिन फिर भी उनकी कोई संतान अभी तक पैदा नहीं हुई है ।इससे 45 वर्षीय लक्ष्मीकांत तथा 40 वर्षीय उनकी पत्नी सरोज देवी दोनों दुखी रहा करते हैं।

पुत्र प्राप्ति के लिए धार्मिक अनुष्ठान आए दिन पंडितों से कराते रहते और मंदिरों में जाकर देवी देवताओं को मनाते रहते हैं ।गरीबो में दान पुण्य भी खूब करते हैं । लक्ष्मीकांत हनुमान जी के बहुत बड़े उपासक थे। इसलिए आए दिन तीन तालाब वाले हनुमान मंदिर पर सुबह-शाम माथा टेकने निश्चित रूप से जाते थे । समय चक्रके अनुसार जब भाग्य उदय होता है तो निराशा के बाद आशा की किरण जरूर दिखाई देती है ।बुरे दिनों के बाद अच्छे दिन अवश्य आते हैं ।

ऐसा ही हुआ। जब लक्ष्मीकांत 46 वर्ष के होने जा रहे थे ।तभी एक दिन उनकी पत्नी सरोज देवी प्रसव पीड़ा से छटपटा उठी । लक्ष्मी कांत को अपनी पत्नी सरोज देवी को एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराना पड़ा ।जच्चा बच्चा की कुशलता के साथ लक्ष्मीकांत को एक सुंदर सा पुत्र रत्न प्राप्त हो गया। लक्ष्मी कांत की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लक्ष्मीकांत ने अपनी धार्मिक दया प्रवृत्ति के कारण गरीबों को खूब दान दक्षिणा दी ।फैक्ट्री के सभी कर्मचारियों को एक महीना का बोनस दिया ।सभी की दुआओं से लड़का दिन पर दिन बड़ा होने लगा।

पंडितों के अनुसार लड़के का नाम नरेंद्र रख दिया गया। जब नरेंद्र 4 वर्ष की आयु का हुआ तो स्कूल भी जाने लगा ।बुद्धि से कुशाग्र होने के कारण 20 वर्ष की आयु में बीए की डिग्री भी ले ली और पिता के फर्नीचर कारो कारोबार में हाथ बटाने लगा । लक्ष्मीकांत उनकी की पत्नी सरोज देवी अपने पुत्र नरेंद्र की इस्मार्ट पर्सनालिटी तथा फर्नीचर कारोबार में लगन परिश्रम देखकर बहुत खुश रहने लगे । नरेंद्र फर्नीचर कारोबार में दिन पर दिन बड़ा आ रहा था तो नरेंद्र के लिए शादी वाले भी आने लगे।

22 वर्षीय नरेंद्र की शादी भी मिल मालिक बनारसी दास की 20 वर्षीय पुत्री सुंदर रूपवती कल्पना के साथ हो गई। कामकाज निपुण पढ़ी लिखी धार्मिक प्रवृत्ति कीबहू पाकर लक्ष्मी कांत और उनकी पत्नी बहुत खुश रहने लगे ।नरेंद्र की शादी के 2 वर्ष बाद लक्ष्मीकांत को एक सुंदर सा नाती भी प्राप्त हो गया । लक्ष्मीकांत ने नाती का नाम मनोहर दास रख दिया ।नाती मनोहर दास बड़ा होने लगा और अपने बाबा के पास रहने लगा ।

 लक्ष्मीकांत भी नाती के साथ रहकर 75 वर्ष की उम्र में खुश रहने लगे और उन्होंने फर्नीचर का पूरा कारोबार नरेंद्र को सौंप दिया ।फर्नीचर फैक्ट्री तथा फर्नीचर दुकान शोरूम पर पर जाना आना भी बंद कर दिया ।फर्नीचर शोरूम को आकर्षक रूप देने के लिए नरेंद्र ने तीन सुंदर सेल्समैन युवतियां भी रख ली। कहते हैं जब धन दौलत बढ़ती है तो मनुष्य के अंदर तरह-तरह के शौक भी बढ़ जाते हैं ।कारोबार बढ़ाने के लिए नरेंद्र ने व्यापारी युवा मित्र मंडली के साथ अंग्रेजीअच्छी शराब का पीना भी शुरू कर दिया।

व्यापारी मित्र मंडली को खुश करने के लिए सुरा सुंदरी का भी दौर चलनेलगा।सादा जीवन उच्च विचार रखने वाले लक्ष्मीकांत का पुत्र नरेंद्र बर्बादी के रास्ते पर चल पड़ा । तमाम दफे धर्म परायण पत्नी ने नरेंद्र को खूब समझाया सुरासुंदरी का शौक छोड़दो। तुम्हारा लड़का भी10 वर्ष का हो चुका है । आए दिन जो तुम लड़कियों को लेयाते हो इससे पिताजी नाराज हो रहे हैं ।तुम्हारे लड़के पर भी गलत प्रभाव पड़ रहा है ।पिताजी ने इसीलिए सारी प्रॉपर्टी फर्नीचर हाउस नाती के नाम पर कर दिए हैं और मुझसे कहा है कि तुम प्रतिदिन खुद फर्नीचर फैक्ट्री फर्नीचर शोरूम पर जाओगी और कारोबार को संभालोोगी।

पत्नी से यह सुनकर नरेंद्र चौक गया और बोला पिताजी ने बिना मेरी जानकारी के यह सब कुछ कर दिया ।पिता ने यह ठीक नहीं किया। पत्नी बोली -तुमने मुझ में क्या अंतर है । मेरे नाम की सारीप्रॉपर्टी भी तो तुम्हारी हीहोगी। तुम शराब पीना गलत कामछोड़ दो । तुम से पिताजी को कोई शिकायत नहीं होगी। नरेंद्र बिना कुछ कहे सुने चुपचाप चला गया। दूसरे दिन सूरज धीरे धीरे ढल रहा था ।शाम समय को अंधेरा घेर रहा था। रात के 10 बजे का समय हो रहा था। नरेंद्र की पत्नी ससुर के मंदिर से अभी तक न लौटने के कारण चिंतित हो रही थी। तभी नरेंद्र बिना शराब पिए घर आया और पत्नी से बोला मैंने शराब पीना छोड़ दिया है ।

नरेंद्र की पत्नी बोली- तुमने बहुत अच्छा किया है ।देखो कितने सुंदर अब लग रहे हो। पिताजी आएंगे और जानेंगे कि तुम ने शराब पीना छोड़ दिया तो बहुत खुश होंगे। नरेंद्र बड़े आश्चर्य से बोला -पिताजी अभी तक नहीं आए? मैं देखने जा रहा हूं तुम चाहो तुम भी साथ चलो। बच्चे को नौकरानी देखती रहेगी। नरेंद्र और उसकी पत्नी जब तीन तालाबों के मंदिर पर पहुंची। हनुमान मंदिर के अंदर पिताजी नहीं मिले तो नरेंद्र ने मोबाइल की रोशनी में तालाब की सीडीओकी देखा और दहाड़ मार कर रोने लगा। पिताजी को किसी ने गोली मार दी है।

घायल पड़े ससुर को सीढ़ियों बहू देखकर दहाड़ मार कर रोने लगी । रोने की आवाज को सुनकर 3 तालाब हनुमान मंदिर के आसपास के लोग आ गए। पुलिस को खबर पहुंची। पुलिस भी आ गई ।पुलिस ने शब को अपने कब्जे में लिया और पास पड़े देसी तमंचा को रुमाल से पकड़ कर उठा लिया। 90 वर्षीय लक्ष्मीकांत के शव कोउठवा कर कोतवाली लाए। नरेंद्र ने अज्ञात व्यक्ति द्वारा गोली मारने की रिपोर्ट लिखकर थाना प्रभारी को को दे दी ।कोतवाली प्रभारी जब लिखा पढ़ी कर रहे थे तभी एक 8 वर्ष की बालक गेरुआ वस्त्र पहने हुए थाना प्रभारी से बोला- जिसने रिपोर्ट लिखकर दी है।

उसीने अपने बाप गोली मारीहै। नरेंद्र थाना प्रभारी से बोला मुलजिम खुदा आ गया है। इसी लड़के ने मेरे पिता जीकोगोली मारी है। लड़का मुस्कुराया और बोला तेरे बाप अभी मरे नहीं है नहीं है वह खुद बताएंगे कि तुम ने गोली मारी है लड़का शब के पास पहुंचा और शवसे बोला -बाबा तुम मरे नहीं हो -खुद बताओ गोली किसने मारी है। शब हरकत करने लगा ।थोड़ी देर में जिससे लोग मारा समझ रहे थे उसमें जान आ गई लोगों ने इंस्पेक्टर को बुलाया और कहा लक्ष्मीकांत में जान आ गई है ।डॉक्टर को बुलाइए ।

लक्ष्मीकांत के शव पर हाथ रखकर इंस्पेक्टर ने देखा धडकने चल रही थी ।मुंह से लड़के की ओर इशारा कर रहे थे । इंस्पेक्टर ने नरेंद्र को तत्काल गिरफ्तार कर लिया । डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर आया और उसने लक्ष्मीकांत को देख कर कहां मारी गई गोली उनके कंधे लगी है।जो खतरे से बाहर है ।अस्पताल में लेकर इनका का ऑपरेशन करना पड़ेगा।यह ठीक हो जाएगे ।लक्ष्मीकांत के आयेहुए शुभचिंतकों में खुशी की लहर आ गई ।गेरुआ वस्त्र पहने हुए बच्चे ने बहू के कंधे पर हाथ धरा और बोला अब तुम हत्यारे पति से मोह छोड़ देना ।

ससुर का पूरा कारोबार संभालना । हत्यारा अपराधी किसी का संबंधी नहीं होता है । इतना कहकर बालक अचानक गायब हो गया स्वस्थ होने पर लक्ष्मीकांत ने लड़के के खिलाफ अदालत में बयान दिया और नरेंद्र को आजीवन का कारावास हो गया। ईश्वरी चमत्कार के लिए सभीआश्चर्यचकित रह गए । सभी की जुबान पर चर्चा रही ।हनुमान जी आए भक्तों की रक्षा करके चले गए । बृज किशोर सक्सेना किशोर इटावी कचहरी रोड मैनपुरी सक्सेना

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow