नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) तृतीय दिवस -
नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) तृतीय दिवस -
भुवाल माता को नमन हमारा ।
जिस हिमगिरी से हुई प्रवाहित पावन प्रेक्षा
- गंगाधारा । भुवाल माता को नमन हमारा ।
माता का दर्शन पौरुष के साक्षात
निदर्शन सत्य के प्रति आकर्षण
दैव तुल्य स्वरूप निहारा ।
भुवाल माता को नमन हमारा ।
पारदर्शी , ऋजु , निश्छल प्रवर
आभामण्डल अमृतस्रावी प्रांजल
कालजयी अजस्र नयनाभिराम स्वरूप ।
भुवाल माता को नमन हमारा ।
सृष्टि की कमनीय कलाकृति सौम्य ,
मनोज्ञ , प्रभावक आकृति नहीं
दृष्टिगत कोई अनुकृति जिस पर न्यौछावर
जग सारा भुवाल माता को नमन हमारा ।
अपनी गति से काल बहेगा
युग प्रताप की कथा कहेगा सतत चमकता नाम रहेगा
सदियों तक जैसे ध्रुवतारा ।
भुवाल माता को नमन हमारा ।
ओम् अर्हम सा ! प्रदीप छाजेड़