नेपाल से आया परदेसी कैसे बन गया 30 हजार करोड़ का मालिक? जानें आचार्य बालकृष्ण की कहानी
Success Story Acharya Balkrishna: आचार्य बालकृष्ण की गिनती देश के बड़े कारोबारियों में होती है।
योग गुरु बाबा रामदेव के साथ घर-घर में योग पहुंचाने वाले आचार्य बालकृष्ण ने बहुत कम समय में फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। फिलहाल वह आयर्वेदिक प्रोडक्ट्स बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) के चेयरमैन और CEO हैं।
आचार्य बालकृष्ण को बाबा रामदेव का राइट हैंड कहा जाता है। आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि आयुर्वेद के जरिए अलग-अलग किस्मों के कंज्यूमर प्रोडक्ट्स बेचकर अकूत संपत्ति बनाई है। आज पतंजलि में बालकृष्ण की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। उनकी गिनती Forbes के अरबपतियों की लिस्ट में होती है। वह 51 साल के हैं और देश के सबसे युवा रईस शख्स में शामिल हैं।
हम आपको बता रहे हैं बालकृष्ण की नेट वर्थ, एजुकेशन, करियर और एक सफल बिजनेसमैन बनने की पूरी कहानी… आचार्य बालकृष्ण का जन्म 4 अगस्त 1972 को हरिद्वार में हुआ था। उनकी मां सुमित्रा देवी और पिता जय वल्लभ सुबेदी नेपाल से आए अप्रवासी थे। आचार्य बालकृष्ण ने अपना बचपन नेपाल में बिताया। भारत लौटने के बाद वह हरियाणा में खानपुर गुरुकुल गए जहां उनकी मुलाकात हुई रामदेव से। साल 1995 की बात है जब आचार्य बालकृष्ण और आचार्य करमवीर ने मिलकर दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट बनाया।
इस ट्रस्ट की शुरुआत हरिद्वार के कृपालु बाग आश्रम में हुई। उस समय ट्रस्ट योग की शिक्षा देता था। धीरे-धीरे रामदेव ने देशभर में योगगुरू के रूप में अपनी पहचान कायम की। देश-दुनिया में बाबा रामदेव की प्रसिद्धि फैली और टीवी पर उनके कार्यक्रम प्रसारित होने के बाद लाखों लोग उनके शिष्य बनकर योग अभ्यास करने लगे। साल 2026 में आचार्य बालकृष्ण, आचार्य करमवीर और बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद की नींव डाली।
इस कंपनी को बाबा रामदेव के फॉलोअर्स- सुनीता और श्रवण पोद्दार की मदद से शुरू किया गया था और इन लोगों के लोन से यह कंपनी जल्द ही बहुत बड़ी बन गई। साल 2012 में पतंजलि आयुर्वेद का टर्न ओवर 4.5 बिलियन पहुंच गया। और साल 2015-16 आते-आते यह 50 बिलियन रुपये की कंपनी बन गई। 31 मार्च, 2020 को पतंजलि आयुर्वेद का रेवेन्यू बढ़कर 9022.71 करोड़ रुपये पहुचं गया। पतंजलि आयुर्वेद कई सारी कैटिगिरी में प्रोडक्ट्स बनाती है।
यह इम्युनिटी बूस्टर्स, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स जैसे सामान तक ऑफर करती है। इसके अलावा कुछ साल पहले फैशन और क्लोदिंग के बिजनेस में भी पतंजलि ने एंट्री की थी, हालांकि इस बिजनेस को बहुत ज्यादा हाइप नहीं मिला। 2019 में रुचि सोया के अधिग्रहण के समय पतंजलि आयुर्वेद सुर्खियों में आई। रुचि सोया का नाम बदला गया और इसे पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) में बदल दिया गया। इस कंपनी के तहत स्नैक्स, मैग, बेवरेजेज और आटा-दाल-बेसन जैसे ग्रॉसरी आइटम बनाए जाते हैं।
Forbes के मुताबिक, आचार्य बालकृष्ण की अनुमानित नेट वर्थ 3.8 बिलियन डॉलर है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि बालकृष्ण कंपनी से कोई सैलरी नहीं लेते हैं। वह हर दिन 15 घंटे काम करते हैं। उनका मानना है कि पैसों का इस्तेमाल लोगों की सेवा के लिए होना चाहिए, ना कि खुद के लिए। वह लो प्रोफाइल रहना पसंद करते हैं। जबकि वह एक जाने-माने आयुर्वेदिक चिकित्सक और पॉप्युलर टीवी पर्सनालिटी भी हैं।
आपको बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद में बाबा रामदेव का कोई हिस्सा नहीं है। हालांकि, कंपनी का चेहरा वही हैं। जबकि आचार्य बालकृ्ण, पतंजलि आयुर्वेद में 94 प्रतिशत हिस्से के मालिक हैं। 2022 में पतंजलि का टर्नओवर 40 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। और बाबा रामदेव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनका इरादा 5 साल में इसे दोगुना करने का है।