DU की EX-प्रोफेसर डॉ. रितु सिंह, जो अब बन गईं PHD पकौड़े वाली, FIR दर्ज

Mar 10, 2024 - 11:38
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DU की EX-प्रोफेसर डॉ. रितु सिंह, जो अब बन गईं  PHD पकौड़े वाली, FIR दर्ज
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Dr Ritu Singh PHD Pakoda Wali: दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर डॉ. रितु सिंह इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चाओं में हैं।

डॉ. रितु सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर की नौकरी से निकाले जाने के बाद अब फुटपाथ पर रेहड़ी लगाकर पकौड़े बेच रही हैं। डॉ. रितु सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय की दौलत राम कॉलेज में पढ़ाती थीं। 28 वर्षीय मनोविज्ञान शिक्षिका डॉ. रितु सिंह को 2019 में उनकी नियुक्ति के एक साल के भीतर ही उनको नौकरी से निकाल दिया गया था।

डॉ. रितु सिंह दलित समुदाय की महिला हैं। डॉ. रितु सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट फैकल्टी के बाहर स्टॉल लगाकर पकौड़ा बेचती हैं। उन्होंने अपनी स्टॉल का नाम 'PHD पकौड़े वाली' रखा है। अब इन दिनों दिल्ली पुलिस ने डॉ. रितु सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। रितु सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 283 (सार्वजनिक रास्ते या नेविगेशन लाइन में खतरा या बाधा) के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं।

रितु सिंह के खिलाफ मौरिस नगर थाने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। डॉ. रितु सिंह बोलीं- 'मैं अपनी रोटी बनाने के लिए पकौड़े बेच रही हूं...' डॉ. रितु सिंह ने कहा, ''मेरे पास कोई नौकरी नहीं है, इसलिए मैं इसी विश्वविद्यालय में अपनी रोटी बनाने के लिए पकौड़े बेचने के लिए सड़कों पर उतर आई हूं, जिसने मुझे डिग्री दी है, अब मैं वहीं पकौड़े बेच रही हूं।

मुझे मेरी नौकरी से गलत तरीके से निकाला गया है। इसलिए मैं रोटी कमाने के लिए यहीं पर हूं।'' डॉ. रितु सिंह ने कहा, 'जो अन्याय हुआ उसके खिलाफ मेरे विरोध को दबाने की कई कोशिशें की गईं। मेरा ठेला 'पीएचडी पकौड़े वाली' भी मेरे विरोध का हिस्सा है... मैंने यह ठेला इसी महीने की शुरुआत कला संकाय के गेट नंबर 4 पर किसी को कोई असुविधा पहुंचाए बिना शुरू किया, जहां मैंने पहले अपना विरोध प्रदर्शन किया था...

एक या दो दिन बाद, पुलिस घटनास्थल पर आई और मुझसे गाड़ी का लाइसेंस मांगा और मुझे परिसर छोड़ने की धमकी दी। मुझे सम्मानजनक तरीके से नोटिस दिया जा सकता था, लेकिन इसके लिए मुझ पर मामला दर्ज करने की क्या जरूरत थी? मेन्यू में पकौड़े के नाम भी है अनोखे पुलिस ने अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए डॉ. रितु सिंह का ठेला हटा दिया है।

 द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने स्टॉल को हटाने के लिए एक टीम भेजी क्योंकि इससे इलाके में सार्वजनिक आवाजाही बाधित हो रही थी।" टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक रितु सिंह ने अपने स्टॉल के मेन्यू में विरोध के प्रतीक के रूप में आइटमों का नाम रखा था, जैसे 'जुमला पकौड़ा', 'विशेष भर्ती अभियान पकौड़ा' और 'बेरोज़गारी स्पेशल चाय'।

इसपर बात करते हुए रितु सिंह ने कहा, "मैं चाहती हूं कि शिक्षक और छात्र प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद भी दलित शिक्षाविदों की दुर्दशा और प्रणालीगत बाधाओं को देखें।