अवैध क्लीनिक सील, मिथलेश शाक्य खुलेआम कर रही डिलेवरी CMO निष्क्रिय
क्लीनिक शील मिथलेश शाक्य खुलेआम कर रही डिलेवरी CMO निष्क्रिय
कासगंज । सिढ़पुरा के सुदामापुरी में रहने वाली मिथलेश शाक्य मूलरूप से खजुरा गांव की रहने वाली प्राइवेट क्लीनिकों पर प्रक्टिस कर किसी फार्मा कालेज से GNM की पढ़ाई करने के वाद सिढ़पुरा कस्बे में अपना क्लीनिक खोला। क्लीनिक पर अनट्रेंड लड़के लड़कियों को रख कर अपना प्रचार प्रसार करना शुरू कर दिया हमारे यहां मरीज को सभी सुबिधा उपलध है।
महिलाओं की डिलेवरी सन्तोषजनक की जाती है। और फिर चलने लगा लूट खचोट का धंधा, अन व्याही लड़कियों के ओवरेशन एक महीने का 2 से पांच हजार और 2 से 3 महीने का पांच से 10 हजार तक लेने का खेल। समय बीतने लगा क्षेत्र से महिलाओं की डिलेवरी के लिए काफी केस आने लगे। क्षेत्र की आशाओं को प्रति केस का लालच देकर महिलाओं की डिलीवरी साफ सफाई कर बच्चे गिराना और उनसे मनमुताबिक रुपये लेना सिढ़पुरा में चर्चा का विषय बन गया, चर्चा बने भी क्यों नहीं सिढ़पुरा स्थित सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं आदि की कमी का होना।
CMO कासगंज कार्यालय में भी मिथलेश शाक्य के क्लीनिक के चर्चे होने लगे। सरकारी अस्पताल से प्रतिदिन की रिपोर्ट का गिराफ़ गिरने लगा तब कहीं जाकर विभाग चेता और स्वास्थ्य समिति और नोडल अधिकारी ने सिढ़पुरा स्तिथ सुदामापुरी में छापा मारा और देखा कि क्लीनिक को अस्पताल बना रखा था। कार्यवाही होने से पूर्व ही मिथलेश शाक्य डाक्टरनी वहां से खिसक गई। विभाग की टीम ने क्लीनिक को सील कर दिया गया।
पुरानी कहावत भी है चोर चोरी करना छोड़ दे लेकिन हेरा-फेरी करना नहीं छोड़ता है। उदाहरण सामने है- अवैध धंधो के पैसों से खेलने वाली चर्चित डाक्टरनी मिथलेश शाक्य ने 24 जुलाई को क्लीनिक से हटकर पटियाली के पास गांव हथौडावन की एक महिला की डिलेवरी करने का अंजाम दिया गया है किसका 14 हजार रुपया वसूला गया लेकिन विवाद होने पर 8 हजार में फैसला हुआ।
क्लीनिक सील करने के बाद पत्रावली मुख्य चिकित्सा अधिकारी कासगंज के कार्यालय में विचाराधीन है। आपको बताते चले कि सिढ़पुरा के आसपास के लोग पटियाली तहसील में तहसील दिवस में मेडम मिथलेश शाक्य की शिकायत की गई , जिस पर sdm ने संज्ञान लेकर एक टीम BTM बनाकर भेजी जिसमे दो डॉक्टर थे इनके क्लीनिक पर गए और उन्होंने कुछ फोटो खींचे तो मेडम बिलबिला गई और रिकेस्ट करके अंदर बुला लिया, फिर मेडम ने अपनी दबंगई दिखाते हुए अपने स्टाप से गेट बंद कराकर उन डॉक्टरों की पिटाई की गई। जिसकी शिकायत थाना पर की गई बताया गया कि हमे sdm पटियाली ने जांच के किए भेजा था।
मेडम अपनी पहुंच के चलते गांधी छाप देकर साफ बच गई। जबकि पीड़ित कई मरीजों ने बताया कि हम लोग आशाओं के कहने पर ही यहां आए थे । मेडम ने हमारे केस को खराब करदिया। कई लोगों ने cmo को लिखित में भी शिकायत भी की है। मेडम शातिर किस्म की महिला है जबकि इनका पति की हालत ज्योति मोर्या जैसी है। मेडम को gnm कराकर दाम पैदा कर रही है और बेचारे गली मोहल्लों में घूमते रहते हैं।
अब देखना ये है कि cmo साहब दोबारा इस क्लीनिक संचालिका पर FIR कर कब होगी कार्यवाही..? क्योकि मेडम पर क्लीनिक सील होने का कोई डर नहीं है उनका काम विभाग को चुनौती देते हुए खुलेआम आज भी जारी है। और मेडम खुलेआम कहती है पैसे के फेंक तमासा देख कर काम करती हूं।